'हिंदुओं से नफरत करता था इसलिए फैलाई गोरक्षकों से पिटाई की झूठी कहानी'
फिल्म एग्जीक्यूटिव बरून कश्यप हिन्दुओं से नफरत करता है और इसके चलते ही वह देश में नफरत की आग फैलाना चाहता था।
मुंबई (जेएनएन)। मुंबई के रहने वाले फिल्म एग्जीक्यूटिव बरूण कश्यप के साथ बीते अगस्त के दौरान मुंबई में गोरक्षकों द्वारा दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था। बरूण ने आरोप लगाया था कि एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने उसके चमड़े के बैग को देखकर यह कहते हुए उसके साथ अभद्रती की थी कि उसका बैग गाय के चमड़े से बना है।
बरूण ने इस बात की जानकारी तब फेसबुक के जरिए दी थी। वरूण ने मुंबई के डीएन नगर में इस मामले में 19 अगस्त को एक एफआईआर भी दर्ज कराई थी। लेकिन मुंबई मिरर की खबर में एक चौंकाने वाली बात सामने निकलकर आयी है, जिसके अनुसार वरूण ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वह हिंदुओं से नफरत करते हैं, इसीलिए सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश की थी। पुलिस की मानें तो बरुन ने जानबूझकर पीड़ित बना था और गौरक्षकों की हिंसा का शिकार होने का नाटक कर वह न सिर्फ मुंबई में बल्कि पूरे देश में सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने की कोशिश कर रहा था।
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अगस्त में फेसबुक पोस्ट के बाद दर्ज कराई थी शिकायत
बरुण ने 19 अगस्त को डीएन नगर पुलिस थाने में दर्ज कराई अपनी शिकायत में कहा था कि वो सुबह 11 बजे एक ऑटो में सवार हुआ। इस दौरान ऑटो के ड्राइवर ने उससे कहा कि उसके चमड़े के बैग से बदबू आ रही है, क्या यह गाय के चमड़े से बना है। वरूण ने आगे आगे कहा था कि लगातार यह बताने के बाद भी कि बैग ऊंट के चमड़े से बना है, ऑटो ड्राइवर ने एक जगह वाहन रोका और तीन लोगों के साथ लौटा। तीनों ने मिलकर उससे दुर्व्यवहार किया और कहा कि आज तो बच गए। जब वरूण की यह फेसबुक पोस्ट वायरल हुई तो महाराष्ट्र सरकार पर कार्रवाई का दवाब बढ़ गया। तब महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यह तक कहा था कि आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
सीसीटीवी फुटेज से हुआ बरूण के झूठ का खुलासा
पुलिस की मानें तो बरुन की शिकायत के बाद जांच पड़ताल में पता चला कि शिकायत निराधार थी। पुलिस ने उस इलाके के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले, जिनमें ऐसा कुछ नहीं पाया गया जो यह साबित करता हो कि बरुण के साथ लूटपाट को अंजाम दिया गया हो। वहीं पुलिस को यह भी पता चला कि बरुण ने घर से दफ्तर जाने का जो समय बताया था, वह गलत था। बरूण ने बताया था कि वह दोपहर में 1 बजे घर से निकला था लेकिन सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि वह 11 बजे सुबह ही निकल गया था।
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एफआईआर दर्ज होने के बाद 'आप' नेता के घर रुका
पुलिस को शक है कि बरूण ने ऐसा किसी राजनीतिक दल के कहने पर तो नहीं किया। क्योंकि बरुण के खिलाफ मुकदमा दर्ज होते ही वह मुंबई के चैंबूर में आम आदमी पार्टी नेता प्रीती शर्मा मेनन के घर भी दो दिनों तक रुके जो अपने आप में संदेहात्मक है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं यह पहले से ही तय योजना तो नहीं थीं?
जल्द ही चार्जशीट फाइल करेगी पुलिस
फिलहाल अंबोली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। कश्यप को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था जिस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 182B ( झूठी एफआईआर दर्ज कराने ) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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