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कश्मीर के लोग भारत के साथ रहना चाहें तो पाक को आपत्ति नहीं: बासित

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को खुद निर्णय लेने का अधिकार मिलना चाहिए। भारत से पाकिस्तान का विवाद किसी सीमा या क्षेत्र को लेकर नहीं है, बल्कि यहां रह रहे 1.40 करोड़ लोगों को लेकर है।

By kishor joshiEdited By: Updated: Sun, 06 Mar 2016 09:49 AM (IST)
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जयपुर। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को खुद निर्णय लेने का अधिकार मिलना चाहिए। भारत से पाकिस्तान का विवाद किसी सीमा या क्षेत्र को लेकर नहीं है, बल्कि यहां रह रहे 1.40 करोड़ लोगों को लेकर है। यह सामने आना चाहिए कि आखिर कश्मीर की आवाम क्या चाहती है। यदि कश्मीर के लोग भारत के साथ रहना चाहते हैं तो इस पर पाकिस्तान को किसी तरह की आपत्ति नहीं होगी। वह शनिवार को जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

पढ़ें: भारत का पाक से बातचीत न करने का फार्मूला गलत : बासित

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मसला दोनों मुल्कों के बीच दूरी की जड़ रहा है और अभी भी है। इस गतिरोध का हल तभी निकल सकता है जब जम्मू-कश्मीर की आवाम यह बताए कि वह किस मुल्क के साथ रहना चाहती है। वहां की जनता को इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने का मौका देना चाहिए। बासित ने कहा कि भारत का सीमा विवाद सिर्फ पाकिस्तान से नहीं है। चीन से भी सीमा विवाद के चलते रिश्ते अच्छे नहीं हैं। ऐसे में ये कहना सही नहीं है कि पाकिस्तान और भारत का विवाद अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर है। भारत का पाकिस्तान से बातचीत न करने का फार्मूला सही नहीं है। जब तक बातचीत नहीं होगी, तब तक किसी भी मुद्दे का हल नहीं निकल सकेगा। इसलिए बातचीत का दौर जारी रहना चाहिए।

पठानकोट हमले से बातचीत पर ब्रेक

उन्होंने कहा कि आपसी रिश्तों के पटरी पर आने के पहले ही पठानकोट हमला हो गया। दहशतगर्दो ने शुरू हुई बातचीत पर ब्रेक लगवा दिया। यह सामने आना चाहिए कि आखिर यह हमला किसने और किस मंशा से किया। तफ्तीश में यदि यह सामने आता है कि हमला पाकिस्तान की तरफ से हुआ है तो भी उस दहशतगर्द को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

पाक में हिंदू पूरी तरह सुरक्षित

बासित ने पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं को पूरी तरह सुरक्षित बताया। कहा कि नवाज शरीफ सरकार ने हिंदुओं को सुरक्षित माहौल दिया है। सरकार उनकी हर जरूरतों को पूरा कर रही है। यदि पाक में हिंदू सुरक्षित नहीं होते तो वहां रह रही गीता को मुसलमान बना दिया होता।