...कैमरे की जद में आप, ट्रायल रूम में रहें सतर्क!
कहीं आप किसी की साजिश का शिकार तो नहीं हो रहे हैं। ऐसा तो नहीं कि किसी साजिशकर्ता ने आपको अपने गुप्त कैमरे में कैद करने के मकसद से किसी खास स्थान पर कैमरा छिपा कर रखा हो। तो सजग हो जाएं, आपकी थोड़ी सी सावधानी आप को एक बड़े
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। कहीं आप किसी की साजिश का शिकार तो नहीं हो रहे हैं। ऐसा तो नहीं कि किसी साजिशकर्ता ने आपको अपने गुप्त कैमरे में कैद करने के मकसद से किसी खास स्थान पर कैमरा छिपा कर रखा हो। तो सजग हो जाएं, आपकी थोड़ी सी सावधानी आप को एक बड़े संकट से बचा सकती है।
अगर आप कपड़ों के किसी स्टोर में खरीदारी करने जा रहे हैं तो इस बात को सुनिश्चित कर लें कि स्टोर के ट्रायल रूम में खुफिया कैमरे या वीडियो रिकॉर्डिंग मोड में मोबाइल फोन तो नहीं छुपा के रखा हुआ है। यह सावधानी सिर्फ ट्रायल रूम में ही नहीं बल्कि होटल, कॉलेज, हॉस्टल आदि में भी बरतने की जरूरत है।
गोवा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को वहां के एक शोरूम के ट्रायल रूम में खुफिया कैमरा मिलने की घटना कोई नई नहीं है। यू-ट्यूब व पोर्न साइटों पर ऐसे ढेरों वीडियो अपलोड हैं। ज्यादातर वीडियो व स्टिल फोटो फैशन स्टोर के ट्रायल रूम, ब्यूटी पार्लरों, मॉल के एस्केलेटर, लिफ्ट, होटल, हॉस्टल, कॉलेज या मॉल के शौचालय में चोरी-छुपे शूट किए जाते हैं। बेहतर कैमरे वाले स्मार्टफोन अब अधिकांश लोगों की पहुंच में होने के कारण इस तरह की घटनाएं अधिक होने लगी हैं।
लाजपत नगर स्थित शोरूम में भी हुई थी घटना
गत 23 मार्च को दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर में भी वैन ह्युसैन शोरूम के ट्रायल रूम में एक युवती ने वीडियो रिकॉर्डिंग मोड में लगा हुआ मोबाइल पकड़ा था। यह मोबाइल स्टोर मैनेजर ने ही लगाया था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में पुलिस ने शोरूम भी बंद करवा दिया था।
पिछले वर्ष सितंबर में नोएडा के जेएसएस इंजीनियरिंग कॉलेज के गल्र्स हॉस्टल की छात्राओं ने भी बाथरूम में खुफिया कैमरा लगा पकड़ा था। छात्राओं ने वार्डन के खिलाफ जांच कराने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया था। पुलिस को बाथरूम से तीन कैमरे मिले।
वहीं, मॉल व मेट्रो स्टेशनों में एस्केलेटर पर चलते समय भी बनाए गए महिलाओं के अश्लील वीडियो क्लिपिंग सोशल मीडिया में मौजूद हैं। इसमें स्कर्ट या छोटे वस्त्र पहनने वाली महिलाओं को खुफिया कैमरों से शूट किया जाता है। पुलिस का कहना है कि ऐसे वीडियो किसी बैग में खुफिया कैमरा लगाकर शूट किए जाते हैं। एस्कलेटर पर खड़े होते समय महिलाओं को ध्यान रखना होगा कि उनके पीछे किसी ने कोई बैग तो नहीं रख दिया है।
यहां हो सकते हैं कैमरे
- होटल के कमरे में रखे फ्लावर पॉट में।
- फोटो फ्रेम में।
- सीलिंग फैन में।
- दरवाजों व अलमारियों के हैंडल में।
- बाथरूम शॉवर में।
- शोरूम के ट्रायल रूम में लगे प्लास्टिक के हैंगर व दरवाजे के हैंडल में।
- छत में लगी फैंसी लाइटों में।
- हॉस्टल व होटल के शौचालयों के टैप में, बेसिन व दरवाजे के हैंडल में।
- छत में लगे बल्ब के होल्डर में।
ये सावधानियां बरतें
- शोरूम के ट्रायल रूम की अच्छी तरह जांच कर लें।
- होटल, मॉल के शौचालय का इस्तेमाल करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वहां कोई कैमरा नहीं लगा है।
- इसके लिए उस जगह की लाइट बंद करके मोबाइल से वहां की फोटो खींच लें। यदि कैमरा होगा तो वह नजर आ जाएगा।
- होटल के कमरों में भी खिड़की से लेकर दरवाजों तक के हैंडल, की-होल आदि की अच्छी तरह जांच कर लें।
- एस्केलेटर का इस्तेमाल करते वक्त ध्यान रखें कि आपके पीछे के स्टेप पर कोई बैग आदि न रखा हो।
सख्त कानून की है जरूरत
ऐसे ज्यादातर मामलों में यह साबित करना कठिन हो जाता है कि आरोपी ने वीडियो क्लिपिंग का दुरुपयोग किया। कई बार सुरक्षा की दृष्टि, सामान चोरी को रोकने आदि के मकसद से भी कैमरे लगाए जाते हैं। हालांकि ट्रायल रूम में कैमरा पाए जाने को कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है। सीसीटीवी व खुफिया कैमरों पर स्पष्ट नीति बनाने की जरूरत है।
- विराग गुप्ता, साइबर लॉ एक्सपर्ट व अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट
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