तंजानियाई युवती के साथ बदसलूकी मामले में पुलिस ने अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि पीड़ित युवती के बयानों में विरोधाभास है। पुलिस संवेदनशीलता के साथ इस मामले की जांच में जुटी हुई है।
By Rajesh KumarEdited By: Updated: Fri, 05 Feb 2016 02:58 PM (IST)
बेंगलुरु। तंजानियाई युवती के साथ मारपीट और उसके कपड़े फाड़े जाने के मामले में पुलिस कमिश्नर एन एस मेघारिख ने कहा कि पीड़ित के बयान में विरोधाभास है। पीड़ित ने कहा था कि कार में उसके साथ चार लड़के थे। लेकिन उसके दोस्तों का कहना है कि कार में पांच लड़के थे। पुलिस इस मामले की तहकीकात कर रही है कि वास्तव में कार में घटना के समय कितने लड़के मौजूद थे। दो पुलिस कॉन्सटेबल को निलंबित कर दिया गया है। कुछ और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आज पुलिस कार्रवाई करेगी। बेंगलुरु पुलिस संवेदनशीलता के साथ केस की जांच कर रही है। इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार मामले को केंद्र सरकार पर थोपकर अंतरराष्ट्रीयकरण करना चाहती है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सभ्य समाज में इस तरह की घट नाओं के लिए कोई जगह नहीं है। तंजानियाई लड़की के साथ जो कुछ हुआ उसका वो 100 फीसद विरोध करते हैं।वहीं इस केस की जांच के लिए विदेश मंत्रालय की एक टीम बेंगलुरु का दौरा कर रही है। इस टीम में तंजानिया के हाई कमिश्नर, ज्वाइंट सेक्रेटरी(राज्य), विदेश मंत्रालय में निदेशक पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका और आईसीसीआर के रीजनल डायरेक्टर है। ये भी पढ़ेंः तंजानियन लड़की पिटाई मामले में पांच गिरफ्तार, राहुल गांधी ने मांगी रिपोर्ट उधर, तंजानियाई युवती से बर्बरता के मामले में कर्नाटक सरकार ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सरकार ने भीड़ द्वारा युवती की नग्न परेड कराए जाने की बात से इन्कार किया है। इस घटना के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया चौतरफा निशाने पर हैं। राज्य सरकार मामले की गंभीरता को कम करने की कोशिश में जुट गई है।ये भी पढ़ेंः तंजानिया मूल की युवती का आरोप, सड़क पर निर्वस्त्र कर कराया परेड सिद्दरमैया ने गुरुवार को यहां ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट के दौरान बताया, सुषमा स्वराज से मेरी बात हुई है। अपने मुख्य सचिव के जरिये उन्हें रिपोर्ट भेजने वाला हूं। पुलिस की ढिलाई स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने घटना की रिपोर्ट तत्काल दर्ज नहीं होने की जांच करने को कहा है। सूबे के गृह मंत्री जी परमेश्वरा ने उन खबरों का खंडन किया जिनमें तंजानियाई युवती की नग्न परेड कराने की बात कही गई। उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह नस्लीय हिंसा का मामला नहीं है। पत्रकारों के सामने उन्होंने युवती के नाम का भी खुलासा किया। पत्रकारों के टोके जाने पर उनका कहना था कि यह तो हकीकत है, इसमें छिपाने के लिए कुछ नहीं है। पुलिस आयुक्त ने बताया, 'हमने पीडि़ता के बयान के बाद घटना के चश्मदीदों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पांच संदिग्धों से पूछताछ की और गिरफ्तार कर लिया। उनके नाम लोकेश, बानागिरी, रामैया, बानू प्रकाश और रहमतुल्ला हैं।' उधर तंजानियाई दूतावास के अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पीडि़त युवती ने भारत छोड़ कर जाने की बात नहीं की है। महिला आयोग का नोटिस राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कर्नाटक सरकार को नोटिस भेजा है। नोटिस में विस्तृत रिपोर्ट देने और तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है। एनसीडब्ल्यू की सदस्य सुषमा साहू ने कहा, 'इससे बहुत गलत संदेश गया है। हम दुनिया भर में अपने देश को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें अन्य देशों से आने वाले नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।'