भुल्लर की फांसी की सजा रद होने के आसार
नई दिल्ली [जाब्यू]। राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी रद होने के फैसले का सीधा असर खालिस्तानी आतंकवादी देवेंदर पाल सिंह भुल्लर के मामले पर पड़ेगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट दया याचिका में देरी के आधार पर भुल्लर की फांसी माफी की अपील एक बार ठुकरा चुका है, लेकिन देरी का लाभ आतंकवाद निरोधक कानून में दोषी ठहराए गए आतंकियों को भी दि
नई दिल्ली [जाब्यू]। राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी रद होने के फैसले का सीधा असर खालिस्तानी आतंकवादी देवेंदर पाल सिंह भुल्लर के मामले पर पड़ेगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट दया याचिका में देरी के आधार पर भुल्लर की फांसी माफी की अपील एक बार ठुकरा चुका है, लेकिन देरी का लाभ आतंकवाद निरोधक कानून में दोषी ठहराए गए आतंकियों को भी दिए जाने की ताजा व्यवस्था ने भुल्लर की उम्मीदें जगा दी थीं और मंगलवार के फैसले ने उन उम्मीदों को जमीन भी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने भुल्लर की फांसी माफी की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि दया याचिका निपटाने में हुई देरी का लाभ आतंकवादी घटनाओं में शामिल लोगों को नहीं दिया जा सकता। उस फैसले में दो न्यायाधीशों की पीठ ने यहां तक कह दिया था कि जो लोग निर्दोष लोगों की हत्या करते समय एक पल भी नहीं सोचते, वह याचिका दाखिल कर देरी के आधार माफी की अपील कर रहे हैं। मगर भुल्लर के मामले में दो न्यायाधीशों की पीठ के इस फैसले को हाल ही में 21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने पलट दिया है। शत्रुघ्न चौहान के मामले में मुख्य न्यायाधीश पी. सतशिवम की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने व्यवस्था दी कि दया याचिका निपटाने में हुई अनुचित देरी का लाभ सामान्य हत्यारे और आतंकवाद निरोधक कानून जैसे टाडा में दोषी ठहराए गए लोगों को समान रूप से मिलेगा। इस फैसले का पहली बार लाभ टाडा में दोषी ठहराए गए राजीव गांधी के हत्यारों को मिला है। अब भुल्लर भी उसी कतार में है।