बंगाल में लड़ी जाएगी बिहार की लड़ाई, भाजपा के खिलाफ बन रहे हैं दो मोर्चे
चुनाव पश्चिम बंगाल में है, लेकिन रणनीतियां बना रहे हैं बिहार के नेता। कांग्रेस और वामदलों के साथ तालमेल कराने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अहम भूमिका है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस विरोधी इस मोर्चे में लालू प्रसाद को भी शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है।
अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। चुनाव पश्चिम बंगाल में है, लेकिन रणनीतियां बना रहे हैं बिहार के नेता। कांग्रेस और वामदलों के साथ तालमेल कराने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अहम भूमिका है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस विरोधी इस मोर्चे में लालू प्रसाद को भी शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है। जाहिर है, पड़ोसी राज्य की सियासी लड़ाई में बिहार-झारखंड के नेताओं की भूमिका अहम होगी। ऐसे में नीतीश कुमार के रणनीतिकार प्रशांत किशोर का किरदार भी महत्वपूर्ण होगा। लालू भी बिहार से बाहर निकलने के लिए पश्चिम बंगाल को मौके की तरह देख रहे हैं। भाजपा भी झारखंड की सियासी ताकत को पश्चिम बंगाल में झोंक सकती है।
बिहार में महागठबंधन की जीत के बाद 20 नवंबर 2015 को नीतीश सरकार के शपथ समारोह में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहुंची थीं। समारोह के बाद ममता ने लालू प्रसाद के आवास पर जाकर राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ बड़े मोर्चे का संकेत दिया था। पांच राज्यों में चुनाव के ऐलान के बाद ताजा हालात बता रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता और नीतीश ने अलग-अलग जोर आजमाने की पूरी तैयारी कर रखी है।