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विवाह पंजीयन अनिवार्य करने पर नया विधेयक

विवाह पंजीयन को अनिवार्य बनाने के लिए सरकार संसद में नया विधेयक लाएगी, पुराना विधेयक समय पर पारित नहीं होने की वजह से लेप्स हो चुका है। यह जानकारी विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में दी। उन्होंने बताया कि 15 वीं लोकसभा भंग होने से पुराना बिल लेप्स हो गया। सरकार नया बिल लाने की तैयारी कर रही है। एक लिखित जवाब में ि

By Edited By: Updated: Tue, 22 Jul 2014 12:21 AM (IST)

नई दिल्ली। विवाह पंजीयन को अनिवार्य बनाने के लिए सरकार संसद में नया विधेयक लाएगी, पुराना विधेयक समय पर पारित नहीं होने की वजह से लेप्स हो चुका है। यह जानकारी विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में दी। उन्होंने बताया कि 15 वीं लोकसभा भंग होने से पुराना बिल लेप्स हो गया। सरकार नया बिल लाने की तैयारी कर रही है। एक लिखित जवाब में विधि मंत्री ने बताया कि जन्म-मृत्यु पंजीयन [संशोधन] बिल 2012 में विवाह पंजीयन अनिवार्य करने का प्रावधान किया गया था। इसे राज्यसभा में 7 मई 2012 को पेश किया गया था। उच्च सदन ने इस 13 अगस्त 2013 में पारित कर दिया। यह बिल लोकसभा में नहीं पहुंच सका और 21 फरवरी को लोकसभा भंग होने से यह लेप्स हो गया। विधि मंत्री ने बताया कि उत्तरप्रदेश और तेलंगाना को छोड़ कर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने विवाह पंजीयन को अनिवार्य बनाने के लिए नियम कानून बनाए हैं।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय तत्तकालीन विधि मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा था सरकार सुप्रीम कोर्ट में अदालत के 2006 के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में कहा था कि कानून एक बार पारित होने के बाद उसे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष समीक्षा के लिए रखा जाए। सिब्बल ने कहा था हम सर्वोच्च अदालत के इस आदेश से खुश नहीं हैं। इसलिए इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे कि फैसले से इसे हटाया जाए।

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