शाटगन को आखिरी मोहलत
चुनावी माहौल में अक्सर विवादास्पद बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को केंद्रीय नेतृत्व एक और मोहलत देना चाहता है। यशवंत सिन्हा की ओर से शत्रुघ्न को दी गई नसीहत को फिलहाल पर्याप्त मानते हुए पार्टी उन्हें नजरअंदाज करना चाहती है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चुनावी माहौल में अक्सर विवादास्पद बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को केंद्रीय नेतृत्व एक और मोहलत देना चाहता है। यशवंत सिन्हा की ओर से शत्रुघ्न को दी गई नसीहत को फिलहाल पर्याप्त मानते हुए पार्टी उन्हें नजरअंदाज करना चाहती है। शत्रुघ्न ने दो दिन पहले भाजपा से अलग हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'प्रधानमंत्री मैटीरियल' बताया था। इस पर यशवंत सिन्हा ने उन्हें इस तरह की टिप्पणियों से बचने की सलाह दी थी। पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री किसी की प्रशंसा से नहीं बहुमत लाने से बनता है।
उमा भारती ने शत्रुघ्न की तुलना कांग्रेस के दिग्विजय सिंह से करते हुए कहा कि उनकी पार्टी इन दोनों के बयानों को गंभीरता से नहीं लेती है। दरअसल, शत्रुघ्न को भी यह संदेश दिया जा रहा है कि पार्टी से बड़ी उनकी अहमियत नहीं हो सकती है। लिहाजा उन्हें पार्टी के दायरे में ही रहकर बोलना चाहिए।
भाजपा और जदयू में तीखे बयानों के तीर चल रहे हैं। जहां भाजपा की राज्य इकाई लगातार नीतीश के शासन की खामियां गिना रही हैं, वहीं शाटगन ने नीतीश को प्रधानमंत्री मैटीरियल बताकर सबको चौंका दिया था। नीतीश के शासन की प्रशंसा करते हुए शत्रुघ्न ने कहा था कि वह [शत्रुघ्न] भाजपा और जदयू के बीच कड़ी का काम करेंगे, ताकि फिर से दोनों साथ हो सकें। बिहार के कई नेताओं को शत्रुघ्न का यह बयान नहीं पचा था। बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सीपी ठाकुर ने शत्रुघ्न पर कार्रवाई करने की संभावना जता दी थी। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व जल्दबाजी नहीं करना चाहता है। दरअसल शत्रुघ्न ने पार्टी या नेतृत्व के खिलाफ कोई बात नहीं कही है। एक नेता का कहना है, हमें थोड़ा इंतजार करना चाहिए। अगर वह नहीं संभले तो कार्रवाई होगी।'
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