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बैंकॉक गुप्त वार्ता पर जसवंत सिन्हा ने कहा, बताए सरकार किस दबाव में बातचीत के लिए हुई तैयार

भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने तीसरे देश में द्विपक्षीय बातचीत का गोपनीय तरीके से अंजाम तो दे दिया लेकिन इससे देश के भीतर राजनीतिक बवाल भी खड़ा हो गया है।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Mon, 07 Dec 2015 09:11 PM (IST)
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नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने तीसरे देश में द्विपक्षीय बातचीत का गोपनीय तरीके से अंजाम तो दे दिया लेकिन इससे देश के भीतर राजनीतिक बवाल भी खड़ा हो गया है। न सिर्फ कांग्रेस सरीखे विपक्षी दल बल्कि एनडीए के सहयोगी दल शिव सेना ने भी बगैर किसी सूचना के बातचीत आयोजना को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाये हैं।

विपक्षी दलों ने दोनों सदनों में भी यह मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर सफाई देने की मांग की।

सरकार की तरफ से गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सदन में बयान दे सकती हैं।

पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ सदस्य यशवंत सिन्हा ने बैंकाक में हुए एनएसए बातचीत पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि जब केंद्र सरकार लगातार कहती रही है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकता तो फिर उसे अब यह भी बताना होगा कि आखिर क्या वजह थी कि एनएसए बातचीत शुरु की गई है।

एनडीए के घटक दल शिव सेना के सांसद संजय राउत ने भी सरकार से जबाव देने को कहा है कि किस मजबूरी में बातचीत हो रही है। उन्होंने कहा है कि इस समय पाकिस्तान से बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उसका एकमात्र उद्देश्य भारत को आतंकवादी घटनाओं के जरिए सिर्फ बर्बाद करना है।

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आज दोनों सदनों में भी भारत पाक वार्ता का मुद्दा छाया रहा। राज्य सभा में कांग्रेस के आनंद शर्मा ने इस मुद्दे को धारा 267 के तहत नोटिस दे कर उठाना चाहा। शर्मा ने कहा कि, दोनों देशों के बीच यह सामान्य बातचीत नहीं थी।

एनएसए के अलावा विदेश सचिव भी उपस्थित थे इससे पता चलता है कि बातचीत का दायरा काफी बड़ा था। सरकार को यह बताना होगा कि आखिरकार वह अपने विचार बदल कर पाकिस्तान के साथ बातचीत का सिलसिला कैसे शुरु कर रही है। सरकार को इस बारे में देश को विश्वास में ले कर चलना होगा।

शशि थरूर ने कहा है कि हमारी पार्टी पाकिस्तान के साथ बातचीत के खिलाफ नही है लेकिन सरकार को हमें विश्वास में ले कर चलना पड़ेगा। एक आक्रामक पड़ोसी के साथ वह अपने रवैये को हर समय नहीं बदल सकती है।

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लोकसभा में भी कांग्रेसी और टीएमसी के सांसदों ने भारत पाक एनएसए बातचीत को उठाया और पीएम नरेंद्र मोदी को सफाई देने को कहा।

नेशनल कांफ्रेंस के नेता व जम्मू व कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ओमार अबदुल्लाह ने ट्विट कर सवाल उठाया है कि क्या जिस तरह से पाकिस्तान को आतंकवाद पर बातचीत करने के लिए तैयार किया गया है क्या उसी तरह से भारत भी कश्मीर पर बातचीत के लिए राजी हुआ है। भाजपा को इस बारे में सफाई देने की जरुरत है।

दूसरी तरफ जम्मू व कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने बातचीत को एक अच्छी शुरुआत बताया है।