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उद्धव के निमंत्रण पर ही मातोश्री गए अमित शाह

भारतीय जनता पार्टी के कई पूर्व अध्यक्षों की भांति नए अध्यक्ष अमित शाह भी शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के निवास 'मातोश्री' तो गए, लेकिन वहां से निमंत्रण मिलने के बाद। विधानसभा चुनावों को लेकर सीट बंटवारे को लेकर मची खींचतान के बीच दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे चली यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही ह

By Edited By: Updated: Fri, 05 Sep 2014 11:12 AM (IST)
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मुंबई, [ओमप्रकाश तिवारी]। भारतीय जनता पार्टी के कई पूर्व अध्यक्षों की भांति नए अध्यक्ष अमित शाह भी शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के निवास 'मातोश्री' तो गए, लेकिन वहां से निमंत्रण मिलने के बाद। विधानसभा चुनावों को लेकर सीट बंटवारे को लेकर मची खींचतान के बीच दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे चली यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।

भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मुंबई पहुंचे अमित शाह को मातोश्री पर माथा टेकवाने के लिए शिवसेना बेताब थी। उनकी ओर से इस आशय का संकेत न मिलते देख महानगर की सड़कों एवं सोशल मीडिया पर उनके विरुद्ध पोस्टर वार भी शुरू कर दिया गया था। इसके बावजूद शाह टस से मस होते नहीं दिखे। सुबह मुंबई विमानतल पर पहुंचने पर भी अपने तेवर कड़े ही रखे। वहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भी उन्होंने राज्य में भाजपा गठबंधन की सरकार आने का भरोसा तो दिलाया, लेकिन शिवसेना का नाम लेने से परहेज करते दिखे। उसके बाद भी उनके कार्यक्रमों में मातोश्री जाने का कोई जिक्र नहीं था।

भाजपा अध्यक्ष का कड़ा रुख देखते हुए शिवसेना ने ही झुकने का मन बनाया और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की ओर से अमित शाह को मातोश्री आने का निमंत्रण भेज दिया गया जिसे शाह ने स्वीकार किया। रात 9.30 बजे शाह की मातोश्री पर उद्धव ठाकरे से मुलाकात तय हो गई। दोनों नेताओं की मुलाकात की खबर ने सेना-भाजपा गठबंधन के साथ जुड़े चार छोटे दलों को भी राहत पहुंचाई है। माना जा रहा है कि अब जल्दी ही दोनों दल अन्य साथी दलों के साथ मिलकर सीटों के बंटवारे का मसला सुलझा लेंगे।

अशोक चह्वाण के बहनोई भाजपा में

मुंबई। अमित शाह की उपस्थिति में कांग्रेस-राकांपा के पांच बड़े नेता अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण के बहनोई पूर्व सांसद भास्करराव खतगांवकर शामिल हैं।

अमित शाह ने नांदेड़ से तीन बार सांसद रहे भास्करराव खतगांवकर, केंद्रमें राष्ट्रवादी कांग्रेस कोटे से राज्यमंत्री रहीं सूर्यकांता पाटिल, राकांपा के ही प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य में कैबिनेट मंत्री रहे बबनराव पाचपुते एवं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष दत्ताभाऊ पाथ्रीकर एवं पूर्व मंत्री माधवराव किन्हालकर को कमल के निशान का गमछा उढ़ाकर भाजपा में शामिल किया। शाह ने इन नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि हमारा हृदय बहुत बड़ा है और हमारा घर भी बहुत बड़ा है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों में भरोसा रखने वाले किसी भी नेता का भाजपा में स्वागत है।

हाल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने महाराष्ट्र से सिर्फ दो सीटें जीती हैं। इन दोनों सीटों में से एक स्वयं अशोकचह्वाण ने जीती और दूसरी उनके कारण ही नांदेड़ के पड़ोस की हिंगोली लोकसभा सीट। अब खतगांवकर के कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस इस क्षेद्द में कमजोर होगी। इसी प्रकार राकांपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बबनराव पाचपुते के भाजपा में आने से शरद पवार की पार्टी को करारा झटका लग सकता है।

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