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अमित शाह के 'रामबाण' से सियासी उबाल

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख नरेंद्र मोदी के विश्वस्त और भाजपा महासचिव अमित शाह ने अयोध्या जाकर राम मंदिर का राग छेड़ कर सियासत गरमा दी है। शाह के सियासी रामबाण का असर तुरंत हुआ और कांग्रेस समेत अन्य दलों ने भाजपा पर जोरदार हमला बोल दिया है। कांग्रेस के नेताओं ने तो अमित शाह के उत्तर प्रदेश में घुसने पर ही रोक लगाने की मांग कर दी है। राम मंदिर की सियासत गरमाने के साथ-साथ मोदी ने खुद बिहार के लोगों से टेलीकांफ्रेंसिंग कर हिंदी पंट्टी में अपने अभियान क

By Edited By: Updated: Sun, 07 Jul 2013 08:28 AM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख नरेंद्र मोदी के विश्वस्त और भाजपा महासचिव अमित शाह ने अयोध्या जाकर राम मंदिर का राग छेड़ कर सियासत गरमा दी है। शाह के सियासी रामबाण का असर तुरंत हुआ और कांग्रेस समेत अन्य दलों ने भाजपा पर जोरदार हमला बोल दिया है। कांग्रेस के नेताओं ने तो अमित शाह के उत्तर प्रदेश में घुसने पर ही रोक लगाने की मांग कर दी है। राम मंदिर की सियासत गरमाने के साथ-साथ मोदी ने खुद बिहार के लोगों से टेलीकांफ्रेंसिंग कर हिंदी पंट्टी में अपने अभियान को तेज करने के संकेत भी दे दिए।

पढ़ें: मंदिर मुद्दे पर लौटी भाजपा

दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर में कमजोर भाजपा की सारी उम्मीदें हिंदी पंट्टी खासतौर से उत्तर प्रदेश और बिहार से ही टिकी हुई हैं। भाजपा रामलहर पर सवार होकर पहले उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई और फिर केंद्र तक पहुंची। राम मंदिर पीछे छूटा, उत्तर प्रदेश भी भाजपा के हाथ से जाता रहा। मोदी के भाजपा का चेहरा बनने के बाद भगवा परिवार साफ ही कर चुका है कि अगले चुनाव से पहले वह प्रखर हिंदुत्व का कार्ड खेलने जा रहा है। इसकी औपचारिक शुरुआत नरेंद्र मोदी के विश्वस्त सिपहसालार और उत्तर प्रदेश के प्रभारी और भाजपा महासचिव अमित शाह ने अयोध्या के रामलला मंदिर में जाकर कर दी। पहले खुद नरेंद्र मोदी के भी अयोध्या जाने की चर्चाएं थी, लेकिन उनका काम शाह ने किया। शाह ने शनिवार को अयोध्या में जैसे ही भव्य मंदिर जल्द बनने की बात कही, वैसे ही कांग्रेस समेत अन्य दलों ने भाजपा पर हमले तेज कर दिए। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने तो प्रदेश में अमन-चैन के लिए अमित शाह के उत्तर प्रदेश में घुसने पर ही रोक लगाने की मांग की।

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केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने कहा है कि भाजपा देश की जनता को राम मंदिर के नाम पर बांट रही है। साथ ही, कहा है कि 21 सालों से वे हर बार मंदिर का मुद्दा उठाते हैं। लेकिन सत्ता पाने में नाकाम रहते है।

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सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि चुनाव से एक साल पहले भाजपा को राम याद आते हैं और चुनाव हो जाने के बाद वह उन्हें भूल जाती है।

भाकपा सचिव डी. राजा ने शाह के बयान को आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि चुनाव के लिए ये देश को बांटने वाली बातें हैं।

जदयू प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने भी कहा कि भाजपा का यह चुनावी हथकंडा चलने वाला नहीं है।

वहीं, कोलकाता पहुंचे भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि उन्होंने (अमित शाह) क्या कहा है। लेकिन अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो इसमें गलत क्या है। सभी हिंदू वहां पर राम मंदिर देखना चाहते हैं। जबकि मुस्लिम मस्जिद चाहते हैं। फिलहाल यह मामला अदालत में है। अगर वहां राम मंदिर बनता है तो हम सब काफी खुश होंगे।'

भाजपा प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री शाह के पक्ष में खड़े हुए और कहा कि राम मंदिर हमारी आस्था से जुड़ा हुआ प्रश्न है। उससे समझौता नहीं हो सकता।

किसने, क्या कहा

'मैंने दर्शन करते वक्त प्रार्थना की कि रामलला का भव्य मंदिर जल्द बने। राम मंदिर हमारे दिल के बिल्कुल करीब है।' - अमित शाह, भाजपा महासचिव

'भाजपा यह मुद्दा कई बार उछाल चुकी है। लेकिन जब वह सत्ता में थी तो इस चुप रही। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन है। ऐसे में, ये किसे बरगला रहे हैं।' - सलमान खुर्शीद, विदेश मंत्री

'उत्तर प्रदेश की जनता मंदिर विवाद को काफी झेल चुकी और अब वह भाजपा के चक्कर में नहीं आने वाली है।' - कमाल फारुकी, सपा नेता

'जब हमारी पार्टी राजग में थी तो इस पर सहमति थी कि अयोध्या मुद्दे का हल सुप्रीम कोर्ट के आदेश या फिर दोनों समुदायों की आपसी रजामंदी से निकाला जाएगा।' - शरद यादव, जदयू अध्यक्ष

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