भाजपा के घोषणापत्र में राम मंदिर पीछे, विकास आगे
आम चुनाव के लिए आखिरी समय में भाजपा ने घोषणापत्र जारी कर दिया। इसमें फोकस इरादा और भरोसा पर रहा और मुद्दा विकास। दरअसल घोषणापत्र में ऐसा कुछ नहीं था, जो पिछले पांच-छह महीनों में भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी रैलियों में न बोल चुके हों।
By Edited By: Updated: Mon, 07 Apr 2014 03:09 PM (IST)
नई दिल्ली, आशुतोष झा। आम चुनाव के लिए आखिरी समय में भाजपा ने घोषणापत्र जारी कर दिया। इसमें फोकस इरादा और भरोसा पर रहा और मुद्दा विकास। दरअसल घोषणापत्र में ऐसा कुछ नहीं था, जो पिछले पांच-छह महीनों में भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी रैलियों में न बोल चुके हों।
पहले चरण के मतदान के साथ ही मोदी ने यह विश्वास दिलाया कि वह व्यक्तिगत रूप से अपने लिए कुछ भी नहीं करेंगे और न ही उनकी सरकार 'बद इरादे' से कुछ करेगी। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया कि सरकार बनी तो घोषणापत्र का हर वादा पूरा होगा। संभवत: यही कारण है कि घोषणापत्र में पार्टी ने राम मंदिर जैसे कोर मुद्दे को पीछे छोड़ दिया, जिसे वह पहली सरकार में भी पूरा नहीं कर सकी थी। पार्टी ने इसे सांस्कृतिक विषय करार देते हुए एक पन्ने में निपटा दिया। घोषणापत्र जारी करने में पिछड़ चुकी भाजपा ने सोमवार को पार्टी स्तर पर पूरी भरपाई कर ली। बीच-बीच में पार्टी के अंदर उभरते रहे मतभेद सोमवार को मंच पर पूरी तरह पाट लिए गए। मंच पर पूरा शीर्ष नेतृत्व मंच पर था। राजनाथ के अगल-बगल बैठे लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी आपस में बातचीत कर हंसते दिखे। अंत में आडवाणी ने यह कहकर कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा दिया मोदी के बाद अब कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। जबकि, सुषमा ने भाजपा के चुनावी नारों की ही दोहराते हुए कहा कि अच्छे दिन आने वाले हैं। सोमवार को पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया। दो दिन बाद भाजपा उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा जैसे उन राज्यों में उतरने वाली है, जहां बहुत कुछ दांव पर लगा है। लिहाजा मोदी और राजनाथ संकेत देने से नहीं चूके। मोदी ने कहा, 'मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि मुझे जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसका पूरा वहन करूंगा, कभी अपने लिए कुछ नहीं नहीं करूंगा और बद इरादे से कोई काम नहीं किया जाएगा।' जाहिर तौर पर उन्होंने उनको संदेश दिया जो मोदी सरकार बनने पर भेदभाव की आशंका जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का एक ही मूलमंत्र है-सबका साथ, सबका विकास। हम भारत को वह शक्ति बनाना चाहते हैं, जिसके बाद दुनिया आंख न दिखाए बल्कि आंख मिलाना चाहे।
तो राजनाथ ने बतौर अध्यक्ष कहा कि भाजपा अपने घोषणापत्र को संकल्प पत्र मान रही है और यह भरोसा दिलाते हैं कि हर वादा पूरा किया जाएगा। इसीलिए वही वादा किया है जो पूरा किया जा सके। घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने सवालों के जवाब में कहा कि राम मंदिर हमारे लिए संस्कृति से जुड़ा विषय है और संविधान के दायरे में रहकर हर संभावनाएं तलाशी जाएंगी। दरअसल मोदी ने इसका संकेत भी उसी वक्त दे दिया था, जब उन्होंने शिवालय से पहले शौचालय की बात कही थी। रामसेतु, गंगा और गाय भी सांस्कृतिक विषय है। लेकिन समान आचार संहिता पर पार्टी ने स्पष्ट किया कि जबतक यह नहीं किया जाता है, देश में लिंग समानता भी नहीं लाई जा सकती है। लिहाजा, भाजपा इसके लिए प्रयास करेगी। वैसे पार्टी की प्राथमिकताएं विकास से जुड़ी योजनाएं हैं। यही कारण है कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की नदी जोड़ो योजना से लेकर हर राज्य में एम्स जैसे संस्थान बनाने, तेज रफ्तार रेल नेटवर्क बनाने, मदरसा से भी मांग होने पर विज्ञान और गणित के शिक्षक नियुक्त करने, हर घर में पानी पहुंचाने जैसे उन मुद्दों को छुआ, जो हर घर के लिए मुद्दा हो।
'मैं तीन बातें कहूंगा। जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसे निभाऊंगा, अपने लिए कुछ नहीं करूंगा और बद नीयत से कोई काम नहीं होगा।'-नरेंद्र मोदी, भाजपा के पीएम प्रत्याशी 'बतौर अध्यक्ष मैं यह भरोसा दिलाता हूं कि घोषणापत्र में शामिल हर वादा पूरा करेंगे।'-राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष घोषणापत्र के महत्वपूर्ण बिंदू: 1. महंगाई से निपटने के लिए विशेष फंड 2. दाम स्थिर रखने के लिए विशेष फंड 3. फसल उत्पादन के लिए रियल टाइम डाटा 4. कालेधन को लाने के लिए विशेष कानून 5. कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष अदालतें बनेंगी 6. अयोध्या में राममंदिर बनेगा 7. विदेशी किराना खुदरा में नहीं 8. भ्रष्टाचार रोकने के लिए ई-गवर्नेस 9. रोजगार केंद्र को करियर सेंटर बनाया जाएगा 10. आतंकवाद रोकने के लिए कानून बनेगा 11. कर प्रणाली को आसान बनाया जाएगा 12. स्वर्णिम चतुर्भुज बुलेट ट्रेन योजना 13. एफसीआई को तीन भागों में बांटा जाएगा 14. सस्ते घर की योजना शुरू की जाएगी 15. सेटेलाइट नेटवर्क का विकास होगा 16. हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर 17. देशभर में गैस ग्रिड की स्थापना 18. किसानों के लिए कृषि रेल मार्ग की स्थापना 19. मनरेगा को कृषि से जोड़ा जाएगा 20. हर घर में नल की योजना 21. नदियों को जोड़ने की योजना 22. कम पानी से ज्यादा उत्पादन के लिए सिंचाई के नए साधन विकसित किए जाएंगे 23. नई स्वास्थ्य नीति बनाएगी जाएगी 24. हर राज्य में एम्स की स्थापना 25. आयुर्वेद के विकास पर खास ध्यान दिया जाएगा 26. छात्रों के लिए नेशनल ई-लाइबेरी बनाई जाएगी 27. छात्रों के विकास के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे 28. शिक्षण संस्थाओं के स्तर को सुधारने पर जोर 29. ई-लर्निग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा 30. 100 नए शहर बसाए जाएंगे 31. मदरसों का आधुनिकरण किया जाएगा 32. भाषाओं का विकास किया जाएगा 33. पूर्वी और पश्चिमी भारत में अंतर मिटाया जाएगा 34. हिमालयी राज्यों के विकास के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा 35. समस्या के हिसाब से राज्यों के लिए योजना। आवरण पृष्ठ भी कुछ कहता है नई दिल्ली [जाब्यू]। भाजपा के घोषणा पत्र के साथ-साथ उसका आवरण पृष्ठ भी एक संदेश दे रहा है। इस बार के घोषणा पत्र में ऊपर बायीं ओर अटल, आडवाणी के साथ डॉ. मुरली मनोहर जोशी की भी फोटो है, लेकिन उसका क्रम अध्यक्ष राजनाथ सिंह के बाद है। घोषणा पत्र में नरेंद्र मोदी की फोटो प्रमुखता से दिखनी ही थी और वह दिख भी रही है। उनके एक तरफ सुषमा हैं और दूसरी ओर अरुण जेटली। इसके अलावा शिवराज सिंह, रमन सिंह, वसुंधरा राजे सिंधिया और मनोहर पर्रिकर की फोटो को भी आवरण पृष्ठ पर स्थान मिला है। 2014 के घोषणा पत्र के विपरीत 2009 के घोषणा पत्र के आवरण में केवल अटल, आडवाणी और राजनाथ सिंह के फोटो थे। राजनाथ तब भी पार्टी अध्यक्ष थे। 2009 के घोषणा पत्र में सुशासन, विकास के साथ सुरक्षा पर जोर था। इस बार एक भारत श्रेष्ठ भारत नारे के साथ सबका साथ-सबका विकास की बात कही गई है। 2009 में भाजपा का घोषणा पत्र 50 पेज का था। इस बार 60 पेज का है, जबकि कांग्रेस का केवल 25 पेज का, जो 26 मार्च को जारी किया गया था। 2009 में भी कांग्रेस ने भाजपा से पहले अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया था। तब भाजपा ने इतनी देर नहीं लगाई थी। उसने पहले चरण के मतदान के 13 दिन पहले ही घोषणा पत्र जारी कर दिया था। इस बार वह घोषणा पत्र तब जारी कर सकी जब पहले चरण का मतदान शुरू हो गया था। लोकसभा चुनाव से संबंधित समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।