राहुल पर भाजपा का तंज, 'जीएसटी पास होने पर वे इसका भी श्रेय लेंगे'
केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को ईपीएफ निकासी पर टैक्स प्रस्ताव के रोलबैक के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसका श्रेय लिया था। राहुल की इस बात पर तंज कसते हुए भाजपा ने कहा है कि जीएसटी पास होने पर वे इसका भी श्रेय लेंगे।
By anand rajEdited By: Updated: Wed, 09 Mar 2016 04:32 PM (IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को ईपीएफ निकालने पर कर प्रस्ताव वापस लेने की घोषणा की गई। लोकसभा में वित्त मंत्री द्वारा वापसी की घोषणा के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसका श्रेय लेते हुए कहा कि सरकार ने मेरे दबाव के कारण कर प्रस्ताव वापस लिया है। राहुल की इस श्रेय पर तंज कसते हुए भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) ने कहा है कि राहुल हर काम का श्रेय ले सकते हैं।
ये भी पढ़ेंः ईपीएफ टैक्स वापस लेने पर बोले राहुल- हमारे दबाव में फैसला वापस लिया गया भाजपा ने राहुल गांधी पर चुटकी लेते कहा है कि वे हर काम का श्रेय ले सकते हैं, बस संसद में अहम बिल पास होने दें। जीएसटी बिल भी संसद से पास होता है तो राहुल गांधी इसका श्रेय लेने में पीछे नहीं रहेंगे। संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने तो यहां तक कहा कि राहुल महत्वपूर्ण बिलों को पास नहीं होने देते, जिससे गरीबों नुकसान हो रहा है।वेंकैया के बोल
वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी हर फैसले का श्रेय ले सकते हैं। अगर राहुल संसद के काम को चलने दें और सरकार को बिल पास कराने में मदद करें, तो वो जीएसटी और बाकी बिल पास होने का भी श्रेय ले सकते हैं। उन्येहोंने ये भी कहा ये भाजपा के बिल नहीं बल्कि पूरे देश के बिल हैं।
वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी हर फैसले का श्रेय ले सकते हैं। अगर राहुल संसद के काम को चलने दें और सरकार को बिल पास कराने में मदद करें, तो वो जीएसटी और बाकी बिल पास होने का भी श्रेय ले सकते हैं। उन्येहोंने ये भी कहा ये भाजपा के बिल नहीं बल्कि पूरे देश के बिल हैं।
राहुल गांधी ने कहा था कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया था कि मेरा दबाव काम कर गया । मैंने सरकार से कहा था कि वो सैलरी क्लास लोगों पर दबाव न बनाए। मुझे लगता है कि सरकार मध्यम वर्गीय लोगों को परेशान कर रही है, इसलिए मैंने थोड़ा दबाव बनाया। मुझे खुशी है कि लोगों को कुछ राहत मिली है। उन्होंने कहा था कि आखिर में नौकरी पेशा लोगों की जीत हुई और सरकार को टैक्स प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। देर आए दुरुस्त आए।