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अनुच्छेद 370 पर भाजपा नरम

जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे पर प्रधानमंत्री पद के भाजपा उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने नए सिरे से बहस कराए जाने की मांग कर हलचल पैदा कर दी है। मोदी ने अब तक अनुच्छेद 370 का विरोध जताती रही भाजपा से इतर थोड़ा नरम रवैया अपनाया है। रविवार को जम्मू में ललकार रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा - 'अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बजाय इस पर बहस कराई जानी चाहिए। अगर वाकई में इससे राज्य को फायदा हो रहा है तो भाजपा इसे जारी रखने के पक्ष में है। हम जम्मू-कश्मीर को अलग नहीं बल्कि सुपर स्टेट बनाना चाहते हैं।'

By Edited By: Updated: Mon, 02 Dec 2013 04:42 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे पर प्रधानमंत्री पद के भाजपा उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने नए सिरे से बहस कराए जाने की मांग कर हलचल पैदा कर दी है। मोदी ने अब तक अनुच्छेद 370 का विरोध जताती रही भाजपा से इतर थोड़ा नरम रवैया अपनाया है। रविवार को जम्मू में ललकार रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा - 'अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बजाय इस पर बहस कराई जानी चाहिए। अगर वाकई में इससे राज्य को फायदा हो रहा है तो भाजपा इसे जारी रखने के पक्ष में है। हम जम्मू-कश्मीर को अलग नहीं बल्कि सुपर स्टेट बनाना चाहते हैं।'

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राज्य में अब तक की अपनी सबसे बड़ी राजनीतिक रैली को संबोधित कर रहे नरेंद्र मोदी का भाषण जम्मू-कश्मीर पर ही केंद्रित रहा। ललकार रैली में एक लाख लोग जुटाने का लक्ष्य रखने वाली भाजपा का मौलाना आजाद स्टेडियम छोटा पड़ने का दावा भी सही हो गया। स्टेडियम खचाखच भर जाने के कारण हजारों लोगों को स्टेडियम के बाहर खड़ा होने के लिए मजबूर होना पड़ा।

कांग्रेस व सत्तारूढ़ नेशनल काफ्रेंस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि ये पार्टियां अपने कुकर्मो पर पर्दा डालने के लिए धर्मनिरपेक्षता व अनुच्छेद 370 के नारे का इस्तेमाल कर रही हैं। महिलाओं के अधिकार का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि 'जम्मू-कश्मीर की महिलाओं को देश के अन्य राज्यों की तरह बराबर अधिकार नहीं प्राप्त है। जो अधिकार मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हैं वह राज्य के बाहर शादी करने वाली उनकी बहन सारा को नहीं हैं। क्या यह महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव नहीं है?'

प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी के कश्मीर दौरे का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि वाजपेयी का राज्य को लेकर इंसानियत, जमहूरियत व कश्मीरियत का मूल मंत्र आज भी भाजपा का मार्गदर्शक है। भाजपा पर कटाक्ष करने वाले नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने कहा था कि 'अनुच्छेद 370 घिसते-घिसते घिस जाएगी, कांग्रेस उनके इस दावे को पूरा कर दिखाए।'

राज्य में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उमर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि यहां के शासकों को केंद्र से मांगने की आदत है। भीख का कटोरा लेकर जाने वाले राज्य के कई नेता विदेशों में रहते हैं। हम जम्मू-कश्मीर को भिखारी नहीं बल्कि सुपर स्टेट देखना चाहते हैं। अलगाववादियों पर प्रहार करते हुए कहा कि राज्य में अलगाववाद का गुणगान कर जम्मू कश्मीर के पचास परिवारों ने फायदा उठाकर पूरे देश को अंधेरे में रखा।

केंद्र पर पाकिस्तान व चीन के प्रति कमजोर कूटनीति अपनाने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि चीन लेह के डेमचौक इलाकों में लोगों को मुफ्त सिम बांट रहा है, जबकि अपना टेलीकाम मंत्रालय कुछ नहीं कर रहा है। उन्होंने चीन के मना करने के बाद भी तिरंगा फहराने वाले डेमचौक के लोगों को देश की ओर से बधाई दी।

मोदी ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर में पर्यटन, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, फिल्म उद्योग और हर्बल मेडिसिन को प्रोत्साहित न करने का भी आरोप लगाया। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय महासचिव जेपी नड्डा, राज्य प्रभारी सांसद अविनाश राय खन्ना, प्रदेश अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा समेत अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

क्या है अनुच्छेद 370

संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा हासिल है। राज्य का अपना संविधान है और संसद द्वारा पारित कानून स्वत: जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होते हैं। राज्य विधानसभा कानून बनाकर इसे लागू करती है। देश के अन्य हिस्से के निवासी जम्मू-कश्मीर में सरकारी स्कूलों, कॉलेजों में शिक्षा और सरकारी नौकरी हासिल नहीं कर सकते हैं। साथ ही राज्य के बाहर के लोग यहां जमीन-जायदाद भी नहीं खरीद सकते हैं।

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