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भाजपा भूमि अधिग्रहण संसोधन की पैरवी में उतरी

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ जहां अन्ना हजारे से लेकर विपक्षी दल सड़क पर उतरने लगे हैं और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रदर्शन की तैयारी कर रही है।

By Test2 test2Edited By: Updated: Fri, 20 Feb 2015 09:34 PM (IST)
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नई दिल्ली । भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ जहां अन्ना हजारे से लेकर विपक्षी दल सड़क पर उतरने लगे हैं और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रदर्शन की तैयारी कर रही है। वहीं भाजपा नए संशोधित कानून को जनता, किसान और देश के हित में बता रही है। सत्तारूढ़ पार्टी का कहना है कि संशोधन के जरिए जिन 13 नए केंद्रीय कानूनों को जोड़ा गया है उसी में सबसे अधिक अधिग्रहण होता है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इसे बाहर रखा था। मोदी सरकार ने इसको जोड़कर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि कोई पीडि़त न रहे।

देश हित और विकास के तर्क से आगे बढ़ते हुए भाजपा अब अपने अध्यादेश को जनहित से भी जोड़ रही है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग, मेट्रो रेल, परमाणु ऊर्जा परियोजना, बिजली जैसी कई परियोजनाओं में ही सबसे अधिक अधिग्रहण होता है। जमीने ली जाती थीं लेकिन उन्हें वैसा राहत पैकेज नहीं मिलता जैसा भूमि अधिग्रहण कानून के तहत होता है। राजग सरकार के संशोधन के बाद अब इन परियोजनाओं में आए किसान भी समान रूप से लाभान्वित होंगे।

दरअसल, जिस भूमि अधिग्रहण को विपक्ष से लेकर दूसरे संगठन किसान विरोधी बता रहे हैं वह किसानों के हित में है। श्रीकांत ने जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के काल में हुए संशोधन की याद दिलाते हुए कहा कि वह भी संशोधन के लिए अध्यादेश लाए थे और वह पूरी तरह उद्योगों और कंपनियों के लिए किया गया था। जबकि वर्तमान अध्यादेश किसानों, उद्योगों के साथ-साथ पूरे देश के लिए है।

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