Move to Jagran APP

नए तेवरों में नजर आएगी भाजपा

मीरजापुर में 12 दिसंबर से प्रस्तावित भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की तीन दिवसीय बैठक में संगठन को नए तेवर देने की तैयारी है। इस बैठक में मिशन-2017 की रूपरेखा बनाने के साथ ही अगले वर्ष त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जीतने रणनीति भी तय होगी।

By manoj yadavEdited By: Updated: Sun, 30 Nov 2014 07:10 PM (IST)
Hero Image

लखनऊ [अवनीश त्यागी] । मीरजापुर में 12 दिसंबर से प्रस्तावित भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की तीन दिवसीय बैठक में संगठन को नए तेवर देने की तैयारी है। इस बैठक में मिशन-2017 की रूपरेखा बनाने के साथ ही अगले वर्ष त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जीतने रणनीति भी तय होगी।

उत्तर प्रदेश में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी स्थापित कराने के उम्मीद से आए प्रभारी ओमप्रकाश माथुर भी आपरेशन संगठन की शुरुआत करेंगे। बैठक में माथुर तीनों दिन मौजूद रहकर संगठन की नब्ज टटोलेंगे। गत लोकसभा चुनाव में रिकार्ड जनसमर्थन पाने वाली पार्टी की उपचुनावों में बुरी गत होने के कारणों पर भी चर्चा होगी। माथुर और महामंत्री संगठन सुनील बंसल की जोड़ी उप्र में पहली परीक्षा त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में ही होगी। पंचायत चुनाव से अब तक कोसों दूर रहे भाजपा संगठन को ग्रामीण क्षेत्रों में आजमाने के परिणाम क्या रहेंगे, यह तो वक्त बताएगा लेकिन मौजूदा प्रदेश टीम में बदलाव किए बिना कामयाबी मिलना आसान नहीं। मोर्चा व प्रकोष्ठों के कामकाज की समीक्षा भी बैठक में होगी। माना जा रहा है कि बदलाव की जद में आ रहे तीन प्रदेश अध्यक्षों को भी कुर्सी बचाए रखने को मशक्कत करनी होगी।

निष्क्रिय पदाधिकारियों की कमी नहीं

प्रदेश कार्यकारिणी में कहने को आठ उपाध्यक्ष हैं लेकिन प्रवास करने वालों में केवल पांच नाम ही नजर आते हैं। राजबीर सिंह राजू और साध्वी निरंजन ज्योति को सांसद निर्वाचित हो जाने के बाद अपने क्षेत्र में अधिक समय देना पड़ रहा है। इस तरह चार महामंत्रियों में से रामनाथ कोविंद के लंबे समय से बैठकों में लगातार नहीं आ पाने पर सवाल खड़े होते हैं, वहीं देवेंद्र चौहान स्वास्थ्य ठीक न होने से खुद मुश्किल में हैं। प्रदेश मंत्रियों की संख्या 11 हो चुकी है लेकिन प्रवास करने में केवल आठ ही आगे रहते हैं। प्रवास फार्मूले पर खरे नहीं उतरने वालों की छुट्टी कर नए चेहरों का मौका दिए जाने की चर्चा आम है।

जातीय गणित, क्षेत्रीय संतुलन पर भी नजर

माथुर मंत्र के जरिए संगठन को गांव-गांव में सक्रिय करने के लिए नए चेहरे को भी आगे लाने की योजना है। जाति गणित दुरुस्त करने और क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिए कुछ लोगों को अवसर मिलने की आस है। सर्वाधिक सदस्य बनाने के रिकार्ड की पूर्ति करने का सदस्यता अभियान मार्च 2015 तक चलने की उम्मीद है। इस दौरान पंचायत चुनाव की रणभेरी बज चुकी होगी। सूत्रों का मानना है कि तीन प्रदेश मंत्रियों को प्रोन्नत कर उपाध्यक्ष या महामंत्री बनाया जा सकता है। वहीं मीडिया से जुड़े दो नेता भी महामंत्री बनने की जोड़तोड़ में हैं। क्षेत्रीय समितियों से जुड़े आधा दर्जन पदाधिकारियों को प्रदेश कमेटी में शामिल करने की चर्चा भी है।

दिग्गजों के समायोजन की तैयारी

फायरब्रांड नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विनय कटियार, रमापति राम त्रिपाठी, सूर्यप्रताप शाही, ओमप्रकाश सिंह व सत्यपाल मलिक जैसे नामों में से कई केंद्रीय टीम के दावेदार माने जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि केंद्र में मंत्री बनने के बाद राष्ट्रीय महामंत्री रामशंकर कठेरिया के स्थान पर उत्तर प्रदेश से नया नाम आ सकता है। डा.महेंद्र सिंह को जिस तरह आगे बढ़ाया गया, उससे भी इस उम्मीद को बल मिलता है।

पढ़ेंः वर्द्धमान बम धमाके में लगे हैं चिटफंड के पैसे: अमित शाह