महाराष्ट्र में टूटा भाजपा-शिवसेना गठबंधन, अलग-अलग लड़ेंगी सभी पार्टियां
मुंबई [ब्यूरो,एजेंसी]। महाराष्ट्र में गुरुवार को गठबंधनों की टूट का दिन था। भाजपा ने जहां शिवसेना से अपने 25 साल पुराने रिश्तों को तोड़ दिया, वहीं राकांपा ने भी कांग्रेस के 15 साल पुराने साथ को छोड़कर अकेले चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया।
By Edited By: Updated: Fri, 26 Sep 2014 07:32 AM (IST)
मुंबई [ब्यूरो,एजेंसी]। महाराष्ट्र में गुरुवार को गठबंधनों की टूट का दिन था। भाजपा ने जहां शिवसेना से अपने 25 साल पुराने रिश्तों को तोड़ दिया, वहीं राकांपा ने भी कांग्रेस के 15 साल पुराने साथ को छोड़कर अकेले चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया।
शिवसेना-भाजपा गठबंधन पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि शिवसेना 151 सीटों पर अड़ी हुई थी और 22 दिन से हम कोशिश कर रहे थे कि 25 साल के गठबंधन को जारी रखा जाए। शिवसेना किसी भी तरह से सीटों की संख्या और मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर झुकने को तैयार नहीं है। भाजपा ने बताया कि यह गठबंधन महाराष्ट्र में जारी नहीं रहेगा, लेकिन केंद्र में पूर्ववत शिवसेना सहयोगी दल रहेगी। राकांपा ने छोड़ा कांग्रेस का साथ मुंबई [प्रे, एजेंसी]। बीते एक सप्ताह से राकांपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर जारी कयास थम गए हैं। गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद राकांपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस से रिश्ते टूटने की आधिकारिक घोषणा कर दी। राकांपा ने कहा कि महाराष्ट्र में धर्मनिरपेक्ष सरकार के लिए हमने कांग्रेस से गठबंधन किया था, लेकिन कांग्रेस लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीट जीतने के बाद भी हमें बराबर सीट देने को राजी नहीं है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने राकांपा को 124 सीट देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे राकांपा ने नामंजूर कर दिया। दोनों पार्टियों के बीच 15 साल से गठबंधन था। पढ़ें: अब छोटे साथियों को मनाएंगे अमित शाह