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बेपर्दा हुए काले धन वाले, 18 लोगों के नाम सार्वजनिक

विदेशों में कालाधन जमा करने वालों के नाम उजागर करने में वर्षो से नानुकुर करने वाली केंद्र सरकार को अंतत: झुकना पड़ा है। लिंचेस्टाइन की एलजीटी बैंक में कालाधन रखने वाले 26 भारतीयों के नाम मंगलवार को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिए। इनमें 18 नाम सार्वजिनक भी कर दिए गए हैं। इनके खिलाफ आयकर विभाग की जांच पूरी हो चुकी है और मुकदमा चल रहा है। यह पहला मौका है जब केंद्र सरकार विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वाले भारतीयों के नाम सार्वजनिक कर रही है। इससे आन

By Edited By: Updated: Wed, 30 Apr 2014 12:27 AM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। विदेशों में कालाधन जमा करने वालों के नाम उजागर करने में वर्षो से नानुकुर करने वाली केंद्र सरकार को अंतत: झुकना पड़ा है। लिंचेस्टाइन की एलजीटी बैंक में कालाधन रखने वाले 26 भारतीयों के नाम मंगलवार को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिए। इनमें 18 नाम सार्वजिनक भी कर दिए गए हैं। इनके खिलाफ आयकर विभाग की जांच पूरी हो चुकी है और मुकदमा चल रहा है। यह पहला मौका है जब केंद्र सरकार विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वाले भारतीयों के नाम सार्वजनिक कर रही है। इससे आने वाले दिनों में और नामों के सामने आने की संभावना बढ़ गई है।

विदेशों में कालाधन जमा करने वाले इन व्यक्तियों के नाम सरकार को ऐसे समय सार्वजनिक करने पड़ रहे हैं जब मौजूदा आम चुनाव में कालाधन एक अहम मुद्दा बन चुका है। भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने यहां तक कहा है कि अगर वह प्रधानमंत्री बनते हैं तो विदेशों में जमा काला धन भारत लाएंगे। सुप्रीम कोर्ट काला धन मामले में देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।ं

मंगलवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलीसिटर जनरल मोहन परासरन ने 26 खाता धारकों का ब्योरा दो सील बंद लिफाफों में कोर्ट को सौंपा। परासरन में कोर्ट को बताया कि पहले लिफाफे में उन 18 खाताधारकों के नाम और ब्योरे हैं जिनके खिलाफ आयकर विभाग की जांच पूरी हो चुकी है और 17 पर मुकदमा चल रहा है। इनमें एक की मौत हो चुकी है। जबकि दूसरे लिफाफे में 8 खाताधारकों का ब्योरा है जिनके खिलाफ जांच में आयकर विभाग को कुछ भी गलत नहीं मिला है। परासरन ने बार-बार कोर्ट से आग्रह किया कि इन नामों का खुलासा नहीं किया जाए। कोर्ट ने इस पर गुरुवार को आदेश देने की बात कही है।

परासरन ने राजस्व विभाग (वित्त मंत्रालय) के संयुक्त सचिव अखिलेश रंजन की ओर से दाखिल हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि जर्मनी से यह सूचना मार्च 2009 में भारत-जर्मनी के बीच दोहरे कराधान से बचने के लिए हुई संधि के तहत प्राप्त हुई थी। इसमें यह शर्त है कि ब्योरे को गोपनीय रखा जाएगा और उसे सिर्फ आयकर कानून के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। सार्वजनिक किए गए 18 खाताधारकों में पांच धूपेलिया परिवार के हैं जो अंब्रुनोवा ट्रस्ट में ट्रस्टी हैं। इनके अलावा चार नाम मनिची ट्रस्ट, चार नाम रुविशा ट्रस्ट, दो नाम डेनिस स्टीफटंग ट्रस्ट के हैं। वेब्स्टर फाउंडेशन के केएम मेमन, उर्वशी फाउंडेशन के अरुण कोचर और राज फाउंडेशन के अशोक जयपुरिया के नाम भी शामिल हैं।

18 खाता धारकों के नाम

1 - मोहन मनोज धुपेलिया

2- अंबरीश मनोज धुपेलिया

3- भव्या मनोज धुपेलिया

4- मनोज धूपेलिया

5- रूपल धूपेलिया

6- हंसमुख ईश्वर लाल गांधी

7- चिंतन हंसमुख गांधी

8- मधु हंसमुख गांधी

9- स्वर्गीय मीरव एच गांधी

10- चंद्रकांत ईश्वरलाल गांधी

11- राजेश चंद्रकांत गांधी

12- विराज चंद्रकांत गांधी

13- धन लक्ष्मी चंद्रकांत गांधी

14- अरुण कुमार रमणिकलाल मेहता

15 - हर्षद रमणिक लाल मेहता

16- केएम मेमन

17- अरुण कोचर

18- अशोक जयपुरिया

एसआइटी गठन पर सुनवाई गुरुवार को

कालेधन की जांच के लिए एसआइटी गठित करने पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा। मंगलवार को याचिकाकर्ता राम जेठमलानी ने कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए एसआइटी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए सुप्रीम कोर्ट के तीन सेवानिवृत न्यायाधीशों के नाम की सूची कोर्ट को सौंपी। हालांकि केंद्र सरकार ने अपनी ओर से किसी भी नाम का सुझाव नहीं दिया है। सरकार की पैरोकारी कर रहे सॉलीसिटर जनरल मोहन परासरन ने कहा कि सरकार तो शुरू से ही एसआइटी गठित करने के विरोध में है ऐसे में कोर्ट जो चाहे आदेश पारित कर सकता है। जेठमलानी की ओर से जो सूची सौंपी गई है उसमें सेवानिवृत न्यायाधीश एमबी शाह के अलावा दो और नाम दिए गए हैं। जस्टिस बीपी जीवन रेड्डी के एसआइटी का अध्यक्ष बनने में असमर्थता जताने के बाद पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने सरकार और याचिकाकर्ता जेठमलानी से कहा था कि वे तीन-तीन सेवानिवृत न्यायाधीशों के नाम कोर्ट को सुझाएं जिससे कि कोर्ट एसआइटी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति कर सके।

विदेशों में 19 लाख करोड़ रुपये का काला धन

राम जेठमलानी ने कोर्ट में दावा किया कि वह उन नामों को रिकार्ड पर रख सकते हैं जिनके स्विट्जरलैंड में बैंक खाते हैं और जो मनी लांड्रिंग में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विदेशों में सिर्फ भारतीयों के ही 19 लाख करोड़ रुपये काला धन के रूप में मौजूद है। इस पर पीठ ने कहा कि वह इस पर विचार करेंगे। साथ ही जेठमलानी को अगली सुनवाई में हलफनामे के साथ तैयार रहने को कहा है। जेठमलानी ने कहा कि उनका हलफनामा तैयार है और इसे वह बुधवार को ही जमा करा देंगे।

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