विदेशों में कालाधन रखने वाले 600 नए लोगों की जांच
जांच एजेंसियां विदेशों में कालाधन जमा करने वाले 600 नए भारतीयों की जांच कर रही हैं। 600 नामों की यह सूची गत वित्त वर्ष में जांच एजेंसियों को एक स्रोत ने उपलब्ध कराई थी। वित्त मंत्रालय के अधीन कार्यरत सेंट्रल इकोनॉमिक ब्यूरो [सीईआईबी] को करों से संबंधित मामलों की पड़ताल के दौरान भारतीयों द्वारा विदेशों में क
By Edited By: Updated: Fri, 15 Aug 2014 07:46 AM (IST)
नई दिल्ली। जांच एजेंसियां विदेशों में कालाधन जमा करने वाले 600 नए भारतीयों की जांच कर रही हैं। 600 नामों की यह सूची गत वित्त वर्ष में जांच एजेंसियों को एक स्रोत ने उपलब्ध कराई थी।
वित्त मंत्रालय के अधीन कार्यरत सेंट्रल इकोनॉमिक ब्यूरो [सीईआईबी] को करों से संबंधित मामलों की पड़ताल के दौरान भारतीयों द्वारा विदेशों में कालाधन छिपाए जाने की जानकारी मिली। सीईआइबी ने इन 600 मामलों से संबंधित डेटा आयकर, प्रवर्तन निदेशालय, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट और राजस्व गुप्तचर निदेशालय को भी उपलब्ध कराए हैं ताकि आगे जांच की जा सके। ये एजेंसियां कर चोरी, मनी लांड्रिंग, विदेशी मुद्रा कानून आदि के संदर्भ में इन लोगों की जांच करेगी। नाम-पते सहित जानकारी सीईआइबी को एक सूत्र से उक्त 600 नए लोगों का कालाधन विदेशों में जमा होने की जानकारी उनके नाम-पते सहित मिली है। इन लोगों ने कर चोरी के विदेशी अड्डों में यह राशि रखी हुई है। यह पहला मौका है जब आर्थिक गुप्तचरी से जु़ड़ी एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय नोडल एजेंसी ने भारतीयों के कालेधन के संदिग्ध विदेशी ठिकानों के बारे में डेटा प्राप्त किए हैं। अब तक ऐसी जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड [सीबीडीटी] की विशिष्ट इकाई द्वारा ही जुटाई जाती थी।
एसआईटी को भी दी सूचना सुप्रीम कोर्ट द्वारा कालेधन की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम [एसआईटी] को भी उक्त सूची में शामिल लोगों के नामों और उसके बाद की गई जांच से अवगत कराया गया।
स्रोत की जानकारी देने से इंकार अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय कर सूचना से जुड़ी संधियों की शर्तो का हवाला देते हुए भारतीयों की सूची उपलब्ध कराने वाले स्रोत की जानकारी देने से इंकार कर दिया। पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत को कथित कर चोरी के 24 हजार से अधिक मामलों के आंकड़े मिले थे। इन मामलों की जांच की जा रही है। पढ़ें: काले धन के आंकड़ों पर सरकार अबतक खाली हाथ पढ़ें: स्विस खातेदारों की सूची पाने की हर कोशिश कर रहा भारत