बांग्लादेश सीमा को सील कराना पहली प्राथमिकता: सर्बानंद सोनोवाल
असम के होने वाले सीएम ने भारत-बांग्लादेश से लगी सीमा को सील करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। उनका कहना है कि जो उन्होंने वादे किए हैं अब उन्हें पूरा करना है।
गुवाहाटी, (प्रेट्र)। असम में सत्ता की बागडोर संभालने जा रहे सर्बानंद सोनोवाल ने अपनी भावी सरकार की दो प्राथमिकताएं तय की है। घुसपैठ रोकने के लिए दो साल के तय समय में बांग्लादेश सीमा को सील करना और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को पूरा कराना। बकौल सोनोवाल-'चुनाव से पहले हमने असम की जनता से इन दोनों मुद्दों को लेकर वादा किया था। अब इन्हें पूरा करने की बारी है। ताकि जनता देखे कि हम अपने वादों को लेकर किस कदर गंभीर हैं।'
विदेशियों के खिलाफ 80 के दशक में छात्र आंदोलन से उभरे सोनोवाल और उनकी पार्टी भाजपा ने घुसपैठ को इस बार अपने चुनाव प्रचार अभियान का अहम मुद्दा बनाया था। एक साक्षात्कार के दौरान सोनोवाल ने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा अभी पूरी तरह सील नहीं है। खासकर पानी वाले क्षेत्र, जिधर से घुसपैठ होती है। हम चाहते हैं कि सीमा पूरी तरह सील हो, जिससे घुसपैठ की आशंका न रहे। एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया जारी है। इसमें कुछ विलंब हुआ है। लेकिन इसे यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाएगा।
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जाहिर हो कि भारत-बांग्लादेश सीमा 4096 किलोमीटर लंबी है। इसमें 263 किलोमीटर असम से जुड़ी है, इसमें 224 किलोमीटर की बाड़बंदी की जा चुकी है। शेष हिस्से में 40 किलोमीटर नदी वाले क्षेत्र हैं। सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2014 के आदेश के मुताबिक एनआरसी का अंतिम अपडेट 1 जनवरी, 2016 को प्रकाशित होना था और अभिलेखों का सत्यापन पिछले साल सितंबर तक हो जाना चाहिए था। राज्य में सत्यापन का काम अभी जारी है मगर 97 फीसद पूरा हो चुका है। एनआरसी का काम पूरा हो जाने पर अवैध आप्रवासियों को देश से बाहर करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
सोनोवाल ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा को स्थायी रूप से सील करने के लिए दो साल का समय दिया था। तय समय सीमा में काम पूरा कर लिया जाएगा। सीमा के स्थाई रूप से सील होते ही घुसपैठ की समस्या पर अपने आप विराम लग जाएगा।
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