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गुलाम कश्मीर से बादाम की बोरियों में आ रही ब्राउन शुगर

श्रीनगर [नवीन नवाज]। उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर स्थित जिस अमन कमान सेतु (उड़ी सेक्टर) पर गत मंगलवार को ईद-ए-मिलाद के पावन मौके पर भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों को मिठाई भेंट की थी, शुक्रवार को उसी पुल से बादाम की बोरियों में 114 किलो ब्राउन शुगर जम्मू-कश्मीर में आई। अलबत्ता, संबंधित पुलिस अधिकाि

By Edited By: Updated: Sat, 18 Jan 2014 02:21 AM (IST)
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श्रीनगर [नवीन नवाज]। उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर स्थित जिस अमन कमान सेतु (उड़ी सेक्टर) पर गत मंगलवार को ईद-ए-मिलाद के पावन मौके पर भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों को मिठाई भेंट की थी, शुक्रवार को उसी पुल से बादाम की बोरियों में 114 किलो ब्राउन शुगर जम्मू-कश्मीर में आई। अलबत्ता, संबंधित पुलिस अधिकारियों ने इसे समय रहते जब्त करते हुए इसे लेकर आने वाले ट्रक चालक को भी हिरासत में ले लिया है। लेकिन उत्तरी कश्मीर के उस व्यापारी को देर रात तक हिरासत में नहीं लिया गया था, जिसके लिए आए सामान में इस नशीले पदार्थ को छिपाकर रखा गया था। फिलहाल, गुलाम कश्मीर से आए सभी 49 ट्रकों को अच्छी तरह खंगाला जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, गुलाम कश्मीर से आज आए व्यापारिक ट्रकों के काफिले में मुजफ्फराबाद स्थित कंपनी अल-फजर का ट्रक आरआइएस-2137 भी शामिल था। कंपनी ने इस ट्रक में बांडीपोर जिले में सदरकूट गांव के रहने वाले शौकत हबीब नामक एक व्यापारी के लिए कागजी तौर पर बादाम भेजे थे। सलामबाद स्थित ट्रेड सेंटर पर जब इस ट्रक की पुलिस ने तलाशी ली तो एक बोरी में उन्हें एक पैकेट रखा महसूस हुआ।

उन्होंने जब बोरी को खुलवाया तो अंदर एक पैकेट था, जिसमें कोई पाउडर था। संबंधित अधिकारियों के मुताबिक यह ब्राउन शुगर है। इस पर पुलिस ने ट्रक चालक मुहम्मद शफी को हिरासत में लेते हुए अन्य बोरियों की भी पड़ताल की तो उन्हें 114 पैकेट मिले, जिनमें एक-एक किलो ब्राउन शुगर थी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ट्रक चालक मुजफ्फराबाद का रहने वाला है। उसने कहा कि उसे सिर्फ यही पता था कि इसमें बादाम हैं, जो कश्मीर में सदरकूट-बांडीपोर के रहने वाले शौकत हबीब के लिए हैं। पुलिस, कस्टम, सेना और खुफिया एजेंसियों के सभी वरिष्ठ अधिकारी सलामाबाद पहुंच गए हैं।

इस बीच, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीमा पार से ब्राउन शुगर की तस्करी के बारे में गुलाम कश्मीर के अधिकारियों को सूचित किया गया है। फिलहाल, मुहम्मद शफी की कस्टडी को लेकर बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ नशीले पदार्थो की तस्करी की बात नहीं हो सकती। हम यह भी पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि कहीं इस नशीले पदार्थ के जरिए कमाई जाने वाली ड्रग मनी का इस्तेमाल राज्य में सक्रिय आतंकियों के लिए तो नहीं होना था।

इसके अलावा हम अल-फजर कंपनी व शौकत हबीब के आतंकियों के साथ संबंधों की संभावना पर भी जांच कर रहे हैं। बता दें कि बीते वर्ष जुलाई माह के दौरान भी पुलिस ने गुलाम कश्मीर से कारवान-ए-तिजारत के ट्रकों में फलों की पेटियों के साथ आई ब्राउन शुगर को जब्त किया था

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पांच साल से चल रहा व्यापार :

जम्मू-कश्मीर और गुलाम कश्मीर के व्यापारियों के बीच गत पांच सालों से ड्यूटी फ्री व्यापार हो रहा है। इस व्यापार में शामिल व्यापारियों के ट्रक सप्ताह में चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक उड़ी सेक्टर में जम्मू-कश्मीर व गुलाम कश्मीर को आपस में जोड़ने वाले अमन कमान सेतु के आर-पार होते हैं। गुलाम कश्मीर से आने वाले ट्रक सलामाबाद तक आते हैं, जबकि इस तरफ के ट्रक एलओसी पार सिर्फ चकोटी तक जा सकते हैं। दोनों तरफ के व्यापारी सिर्फ सामान के बदले सामान ही मंगवा सकते हैं।

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