महिला जवानों को कमांडो ट्रेनिंग देगा बीएसएफ
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपनी महिला जवानों को विशेष कमांडो ट्रेनिंग देने का फैसला किया है। इसका मकसद महिलाओं को मुश्किल मोर्चो पर तैनात करना है। फिलहाल बीएसएफ की महिला जवान भारत से लगी पाकिस्तान और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात हैं। सीमाओं की सुरक्षा के लिए गठित बीएसएफ में फिलहाल करीब 1200 महिला जवा
By Edited By: Updated: Thu, 27 Feb 2014 11:40 PM (IST)
नई दिल्ली। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपनी महिला जवानों को विशेष कमांडो ट्रेनिंग देने का फैसला किया है। इसका मकसद महिलाओं को मुश्किल मोर्चो पर तैनात करना है। फिलहाल बीएसएफ की महिला जवान भारत से लगी पाकिस्तान और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात हैं।
सीमाओं की सुरक्षा के लिए गठित बीएसएफ में फिलहाल करीब 1200 महिला जवान हैं। महिलाओं को पहली बार 2009 में कांस्टेबल पद पर बल में शामिल किया गया था। बीएसएफ महानिदेशक सुभाष जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा, 'हमने महिला जवानों को विशेष कमांडो ट्रेनिंग देना का फैसला किया है ताकि उन्हें त्वरित प्रक्रिया टीमों के तौैर पर मुश्किल मोर्चो पर तैनात किया जा सके।' उन्होंने उम्मीद जताई कि पुरुषों की तरह महिला कांस्टेबल भी हर चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं। जोशी के मुताबिक इस साल के अंत तक अर्धसैनिक बल में 27 महिला अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। 44 सप्ताह की कड़ी ट्रेनिंग के बाद उन्हें मुश्किलों स्थानों पर कंपनी कमांडर के तौर पर तैनात किया जाएगा। जोशी शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। दिसंबर, 2012 में उन्हें बल का महानिदेशक नियुक्त किया गया था। वरिष्ठ आइपीएस डीके पाठक को बीएसएफ का अस्थाई महानिदेशक नियुक्त किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी कर कहा कि जब तक महानिदेशक पद पर किसी अन्य की नियुक्ति नहीं हो जाती, 1979 बैच के असम-मेघालय कैडर के आइपीएस पाठक 1 मार्च से अस्थाई महानिदेशक के तौर पर जिम्मेदारी संभालेंगे। पढ़े: और पारदर्शी होगी अर्धसैनिक बलों की भर्ती प्रक्रिया
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