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मानसून सत्रः सुप्रीम कोर्ट में एक भी दलित जज नहींः शरद यादव

बीएसपी, तृणमूल कांग्रेस और बाकी पार्टियों ने मायावती पर अपमानजनक टिप्पणी के बाद मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद में नोटिस दिया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Thu, 21 Jul 2016 02:47 PM (IST)

नई दिल्ली(एएनअाई)। गुजरात के उना में दलितों के साथ हुए अत्याचार अौर बसपा सुप्रीमो मायावती पर दयाशंकर सिंह के अमर्यादित टिप्पणी पर पूरा विपक्ष अक्रामक है। अाज राज्यसभा में दलित मुद्दे पर जदयू सांसद शरद यादव भाजपा पर जमकर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि आज गाय-भैंसों का इलाज मुश्किल हो गया है लेकिन ये अपने आप को गौरक्षक कहते हैं। ये कहते हैं कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं। ऐसे-ऐसे अन्धविश्वास देश में फैला रखे हैं। दलित महिलाओं पर रोज अत्याचार होता है। रोज कहीं न कहीं दलितों के सम्मान को चोट पहुंचाई जा रही है।

दलितों को न्याय कैसे मिले जब सुप्रीम कोर्ट में एक भी दलित जज है ही नहीं। हिंदुस्तान की सभी यूनिवर्सिटीज में दलित छात्रों के साथ जुर्म और भेदभाव होता है। रोहित वेमुला ने अपमानित होकर ऐलान किया कि मेरा जन्म ही मेरा अपराध है। हम तालिबान की बहुत चर्चा करते हैं लेकिन इस देश की जाति व्यवस्था बी तालिबानी सलूक करती है।

इससे पहले सुबह बीएसपी, तृणमूल कांग्रेस और बाकी पार्टियों ने मायावती पर अपमानजनक टिप्पणी के बाद मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद में नोटिस दिया था।

टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि दयाशंकर के लिए माफी मांगना काफी नहीं होगा। उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। वहीं राज्यसभा में दोपहर दो बजे देश में दलितों पर हुए हालिया हमलों पर चर्चा होगी।

इस मुद्दे पर केंद्रीय सूचना अौर प्रसारण मंत्री एम, वेंकैया नायडू ने कहा कि हमने दयाशंकर के खिलाफ तुरंत ऐक्शन लिया। अब बसपा को प्रदर्शन करने दीजिए। वे जानते हैं कि यूपी में उनका सीधा मुकाबला भाजपा से है।

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