समय से पहले समाप्त हो सकता है बजट सत्र
तमिलनाडु और केरल विधानसभा चुनाव को देखते हुए बजट सत्र को पांच या छह मई तक समाप्त करने की मांग की जा रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र समय से पहले समाप्त हो सकता है। विपक्षी दल तमिलनाडु और केरल विधानसभा चुनाव को देखते हुए बजट सत्र को पांच-छह मई तक समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। सरकार संभवतः सोमवार को इस मुद्दे पर कोई फैसला ले सकती है। वैसे सरकार के अंदर भी एक घटक मान रहा है कि उत्तराखंड जैसे विवादास्पद मुद्दों के बीच समयपूर्व सत्र समापन से थोड़ी राहत मिल सकती है।
यह लगभग तय हो चुका है कि सरकार का महत्वाकांक्षी जीएसटी विधेयक इस सत्र में भी नहीं आ रहा है। दरअसल, इसके लिए कोई राह बनी ही नहीं। कांग्र्रेस के साथ तकरार इतनी बढ़ गई है कि अब बीच का रास्ता निकलना भी मुश्किल है। लोकसभा में सरकार के पास कोई बड़ा विधेयक भी नहीं है।
संसद की पिछली कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में ही फैसला हो गया था कि विभिन्न मंत्रालयों की अनुमोदन मांगों को एक साथ पारित कराया जाए। केवल वित्त विधेयक बचा है, जो संभवतः पांच या छह मई को पारित हो जाएगा। इस बीच, तीन मई से उत्तराखंड के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। माना जा रहा है कि एक सप्ताह में इस पर फैसला भी आ सकता है। किसी भी फैसले की स्थिति में विपक्ष के आक्रामक ही रहने की आशंका है। सूत्रों के अनुसार, ऐसे में एक घटक वित्त विधेयक पारित कराते ही अनिश्चितकाल के लिए सत्र समापन के पक्ष में है। फिलहाल सत्र 13 मई तक चलने का कार्यक्रम है।
विपक्ष की ओर से भी इस तरह की मांग हुई है। खासकर कांग्र्रेस, वामदल और तृणमूल कांग्र्रेस चाहती हैं कि चुनाव को देखते हुए सरकार बजट सत्र के समापन पर जल्द फैसला ले। पश्चिम बंगाल में हालांकि काफी पहले से चुनाव चल रहा है, लेकिन वहां तमिलनाडु और केरल के साथ 16 मई तक चुनाव होने हैं। दूसरी तरफ, सरकार के अंदर कुछ लोगों का मानना है कि इस बीच विपक्ष पर दबाव बनाकर राज्यसभा में कुछ विधेयक पारित कराने की कोशिश होनी चाहिए।