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राष्ट्रपति ने कहा, किसानों के हित में हैं भूमि अधिग्रहण कानून

संसद का बजट सत्र आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र के अच्छा रहने की उम्मीद जताई। कल और परसों अभिभाषण पर चर्चा होगी।

By Sachin kEdited By: Updated: Mon, 23 Feb 2015 02:07 PM (IST)
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नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र के अच्छा रहने की उम्मीद जताई। कल और परसों अभिभाषण पर चर्चा होगी।

अभिभाषण के दौरान सरकार की उपलब्धियां और एजेंडे को बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास सरकार का मकसद है। समय के सबसे विवादित मुद्दे भूमि अधग्रहण कानून के बारे में उन्होंने कहा कि यह किसानों के हित में है।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्मार्ट सिटी और स्वच्छ भारत पर सरकार ने काम शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार बजट सत्र में सकरात्मक काम की ओर कदम बढ़ाएगी। महंगाई को काबू करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं में शिक्षा एक अहम मुद्दा है। सरकार पढ़े भारत, बढ़े भारत की योजना पर काम करेगी।राष्ट्रीय गोकुल मिशन लॉन्च किया गया। फूड प्रोसेसिंग में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं। भूमि अधिग्रहण कानून की तारीफ करते हुए मुखर्जी ने कहा कि यह किसानों के लिए लाभकारी है। सरकार ने गांवों के विकास के लिए आदर्श ग्राम योजना शुरू की।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने स्किल बढ़ाने के लिए मंत्रालय बनाया है। हाउसिंग सेक्टर के लिए एफडीआई लाई गई। सरकार ने मिशन इंद्रधनुष लॉन्च किया। हुनर बढ़ाने के लिए पीपीपी योजना लागू की गई। बेकार पड़ चुके कानूनों के बारे में राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि सरकार बेकार कानूनों को खत्म करेगी। कानून व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा। महिला सुरक्षा पर कदम उठाए गए।

स्कूलों में शौचालयों की होगी व्यवस्थाः

राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि सभी स्कूलों में जल्द से जल्द शौचालयों की सुविधा मुहैया कराई जाए। गांव-गांव को बिजली से जोड़ने की स्कीम पर भी काम किया जाएगा। गैर पारंपरिक ऊर्जा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। बिजली उत्पादन के लिए भी सरकार काम करेगी।खनिजों के खनन पर भी सरकार ध्यान देगी। गंगा भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। गंगा सफाई के लिए दो हजार करोड़ रुपये का बजट है। सरकार इस पर भी काम करेगी। हाईस्पीड ट्रेन के लिए भी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। पर्यटकों के लिए वीजा ऑन अराइवल की व्यवस्था लागू की गई।

संसद के पिछले सत्र में बेतुके मुद्दों पर समय गंवा चुकी नरेंद्र मोदी सरकार इस दफा बजट सत्र में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांप्रदायिकता के खिलाफ सख्त बयान देकर पहले ही इस मुद्दे को भोथरा कर चुके हैं। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर विपक्ष आसानी से भाजपा के खिलाफ लामबंद हो जाता है। भाजपा ने बेतुके बयानों पर भी अपने नेताओं को कस रखा है।

इस बजट सत्र का मोदी सरकार के कामकाज का बड़ा असर पड़ेगा, क्योंकि इसमें कई अहम अध्यादेश और विधेयक दांव पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि सदन चलाना सभी पार्टियों का सामूहिक दायित्व है। प्रधानमंत्री ने संसद सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में यह बात कही। पीएम ने सभी पार्टियों को आश्वस्त किया कि सदन में उठाए जाने वाले सभी मुद्दों पर उनकी महत्ता के अनुसार चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि बजट सत्र बहुत महत्वपूर्ण है। मोदी सरकार का यह पहला पूर्ण बजट होगा। भूमि अधिग्रहण, बीमा, कोयला समेत तमाम अध्यादेशों पर सरकार को इसी सत्र में मुहर लगवानी है। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ सबसे ज्यादा लामबंदी है। इसे देखते हुए सरकार ने इसमें संशोधन लाने की बात भी कह दी है। कुल मिलाकर पिछला सत्र जिस तरह बेवजह बयानों की भेंट चढ़ा, सरकार उसे अब नहीं दोहराना चाहती।

उधर, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पहले सरकार ने विपक्षी दलों से सलाह किए बिना अध्यादेश जारी कर दिया, हमारा मानना है कि भूमि अधिग्रहण पर पहले के कानून को लागू किया जाना चाहिए। जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि सरकार ने इसपर अध्यादेश जारी कर यह साबित कर दिया कि वह किसान विरोधी है।

संसद का पिछला सत्र घरवापसी व बेतुके बयानों के चलते हंगामे का शिकार हो गया था। अब दिल्ली में भाजपा की करारी हार के बाद मोदी सरकार की चमक भी थोड़ी कम पड़ी है। ऐसे में विपक्ष सरकार पर दबाव बढ़ाने का प्रयास भी करेगा। इसको देखते हुए मोदी सरकार कुछ ज्यादा ही सतर्कता से काम ले रही है।

उठाए गए हर मुद्दे पर होगी बहस
बजट सत्र के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों के प्रतिनिधियों को भरोसा दिया कि जो भी मुद्दा उठाया जाएगा, उस पर संसद में बहस की जाएगी। विपक्ष के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की शुरुआत भी इस बैठक से हुई। इसमें 42 नेताओं ने अपने विचार रखे। संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि लगभग सभी पार्टियों के नेताओं ने बैठक में अपनी बात रखी है। इस बैठक से पहले नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की।

सरकार को राहत नहीं देगी कांग्रेस
सपा प्रमुख मुलायम सिंह और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पारिवारिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहुंचना संसद सत्र के लिए विपक्ष को शांत रखने की रणनीति से भी जोड़ा जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस ने यह संकेत दे दिया है कि मोदी सरकार उससे मदद की उम्मीद न करे। ऐसे में सरकार के लिए सभी दलों को मनाकर रखना आवश्यक है। इसके लिए सरकार के प्रबंधकों ने अभी से सारे घोड़े छोड़ दिए हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल मई में सत्ता में आने के बाद एक अंतरिम बजट पेश किया था। तब से लेकर अब तक जनता की उम्मीदें सरकार से बढ़ी ही हैं।

अध्यादेश की राह चलने का विरोध करेगी कांग्रेस
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून बनाने के लिए सरकार जिस तरह अध्यादेशों का सहारा ले रही है, उसका वह जोरदार विरोध करेगी। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि विवादित भूमि सुधार अध्यादेश पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार को कोई आश्वासन नहीं दिया है। राज्य सभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि इसको लेकर जिस तरह से माहौल बनाया जा रहा है, वह गलत है। उन्होंने भूमि सुधार अध्यादेश को किसान विरोधी बताते हुए इसका विरोध करने की बात कही।

'देशवासी बजट सत्र की ओर आशाओं और आकांक्षाओं के साथ देख रहे हैं। बजट से लोगों को ढेरों उम्मीदें हैं। ऐसे में ये हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि बजट सत्र को सुचारु रूप से चलाएं।

-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

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