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2050 तक भारत में हो सकता है जलसंकट, विदेश से मंगाना पड़ेगा पीने का पानी

सेंट्रल ग्राउंड़ वाटर बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में धीरे धीरे पानी बड़ा संकट बनता जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2050 तक पीने का पानी भी बाहर के देशों से आयात करने की स्थिति बन सकती है।

By Atul GuptaEdited By: Updated: Fri, 22 Apr 2016 12:55 PM (IST)
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मुंबई। भारत मे जिस तेजी के साथ जलस्तर कम हो रहा है उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि भारत में 2050 तक पीने का पानी भी बाहर के देशों से आयात करना पड़ेगा। पानी की उपलब्धता को लेकर किए गए सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 3120 लीटर हो जाएगी जिससे भारी जलसंकट खड़ा हो जाएगा।

2001 के डाटा के मुताबिक जमीन के भीतर प्रति व्यक्ति 5,120 लीटर पानी बचा है जोकि साल 1951 में 14,180 लीटर हुआ करता था। यानी कि 2001 में 1951 के मुकाबले आधा पानी रह गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2025 तक पानी की उपलब्धता 25 फीसदी ही रह जाएगी।

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सेंट्रल ग्राउंड़ वाटर बोर्ड की रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि साल 2050 तक आज के मुकाबले जमीन के भीतर सिर्फ 22 फीसदी पानी रह जाएगा।

विेशेषज्ञों का कहना है कि जमीन की भीतर जाते पानी को बचाने के लिए जल संरक्षण करने की जरूरत है और इसके लिए बारिश के पानी को तालाबों, नहरों कुओं में संचित करना जरूरी है और साथ ही साथ लोगों को जल संरक्षण के लिए शिक्षित करने और उन्हें प्रेरित करने की जरूरत है।

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