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भाजपा के अच्छे दिनों में खलल

चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनावों में शानदार जीत दर्जकर केंद्र में अपने दम पर बहुमत की सरकार बनाने वाली भाजपा को उपचुनावों में जबर्दस्त झटका लगा है। लोकसभा चुनावों में चारो खाने चित रही कांग्रेस ने उपचुनावों से वापसी की राह पकड़ ली है। उत्तराखंड और बिहार में हुए उपचुनावों के बाद उत्तर प्रदेश और राजस्थान के नतीजे भी भाजपा के लिए खासतौर से निराशाजनक रहे।

By Edited By: Updated: Tue, 16 Sep 2014 10:10 PM (IST)
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नई दिल्ली। चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनावों में शानदार जीत दर्जकर केंद्र में अपने दम पर बहुमत की सरकार बनाने वाली भाजपा को उपचुनावों में जबर्दस्त झटका लगा है। लोकसभा चुनावों में चारो खाने चित रही कांग्रेस ने उपचुनावों से वापसी की राह पकड़ ली है। उत्तराखंड और बिहार में हुए उपचुनावों के बाद उत्तर प्रदेश और राजस्थान के नतीजे भी भाजपा के लिए खासतौर से निराशाजनक रहे। यूपी में भाजपा को समाजवादी पार्टी के हाथों आठ और राजस्थान में कांग्रेस के हाथों तीन सीटें गंवानी पड़ी हैं। गुजरात में भी कांग्रेस ने तीन सीटें छीन ली हैं। मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आने वाली रोहनिया सीट भी भाजपा की सहयोगी अपना दल हार गई है।

दस राज्यों में लोकसभा की तीन और विधानसभा की 33 सीटों पर हुए उपचुनावों में भाजपा का जादू बेअसर साबित हुआ है। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बदहाली के चलते सवालों में रही समाजवादी पार्टी अपना किला बचाने में सफल रही है। हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इन नतीजों को बेहद अहम माना जा रहा है।

यूपी में सपा की दमदार वापसी

भाजपा को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश से लगा है। यहां 11 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा महज तीन सीटें ही जीत सकीं। यहां तक कि केंद्रीय मंत्री उमा भारती की चरखारी सीट भी पार्टी हार गई। सपा ने आठ सीटें जीतकर मजबूत वापसी की है। मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा ने कब्जा बरकरार रखा है। यहां से मुलायम के परिवार के तेज प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की।

बंगाल विस में खिला कमल

मंगलवार को आए नतीजों में भाजपा को विधानसभा की 12, कांग्रेस को 06 और सपा को 08 सीटें मिलीं। जबकि भाजपा, सपा व टीआरएस ने लोकसभा की जीती हुई सीटों पर कब्जा बरकरार रखा है। हालांकि, पश्चिम बंगाल और असम की सीट पर भाजपा की जीत ने हार के जख्म पर मरहम का काम किया है। पश्चिम बंगाल की बसीरहाट दक्षिणी सीट भाजपा के शमिक भट्टाचार्य ने तृणमूल को हराकर जीत ली। इस सीट पर पहले माकपा का कब्जा था। जबकि, चौरंगी विस सीट पर भाजपा उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे। असम की सिलचर विधानसभा सीट भाजपा ने कांग्रेस से छीनी। छत्तीसगढ़ की अंतागढ़ सीट पर मतों की गिनती 20 तारीख को होगी।

अन्य राज्यों में मिलेजुले नतीजे

अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश में टीडीपी उम्मीदवार टी सौम्या ने नंदीगामा (एससी) विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। त्रिपुरा में सीपीएम उम्मीदवार प्रभात चौधरी ने मानू विधानसभा सीट (एसटी) में जीत दर्ज की। इसी तरह सिक्किम में रांगांग-यांगांग विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी व राज्य के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के छोटे भाई आरएन चामलिंग ने जीत दर्ज की।

कांग्रेस को मिली संजीवनी

लोकसभा चुनावों में बुरी तरह पराजित और आंतरिक उठापटक से जूझ रही कांग्रेस ने बढि़या प्रदर्शन किया है। पार्टी को सबसे बड़ी सफलता राजस्थान में मिली। राज्य में चार विधानसभा सीटों में से तीन पर कब्जा जमा कर कांग्रेस ने मजबूत वापसी के संकेत दिए हैं।

उपचुनाव के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस ने इसे धर्मनिरपेक्ष शक्तियों की जीत बताया है। कांग्रेस को उम्मीद है कि लोकसभा चुनावों के बाद मोदी सरकार के खिलाफ खड़ी होने की कोशिश कर रही पार्टी के साथ अब दूसरे राजनीतिक दल लामबंद होने लगेंगे।

इन सीटों पर हुआ चुनाव

देश में 33 विधानसभा सीटों व तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इनमें यूपी की 11, गुजरात की 9, राजस्थान की 4, असम की 3, पश्चिम बंगाल की 2 और आंध्र प्रदेश, सिक्किम, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़ की एक-एक सीट थी।

कोट्स

'उपचुनावों का फैसला सबक और संदेश है। स्थानीय कमियों को ठीक करने का अवसर है। सितारों के आगे जहां और भी हैं, अभी वक्त के इम्तिहां और भी हैं।'

-मुख्तार अब्बास नकवी, भाजपा प्रवक्ता

'उपचुनावों के नतीजे देखकर मैं खुश हूं। लोग महसूस कर रहे हैं कि भाजपा की विचारधारा सांप्रदायिक नफरत पर आधारित है।'

दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव

'अच्छे दिन, अच्छी बात, अच्छे परिणाम आ गए।'

-अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश

'उपचुनावों की सबसे अच्छी बात यह है कि जमीनी स्तर पर लोगों के दिल मिल गए हैं। कुछ दल मिल गए, कुछ मिल जाएंगे।'

-लालू प्रसाद, राजद अध्यक्ष

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