सीबीआइ चह्वाण के खिलाफ कोई भी सबूत देने में रही नाकाम
आदर्श घोटाले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण के खिलाफ सीबीआइ के सुबूतों में प्रदेश के राज्यपाल के शंकरनारायणन ने कई खामियां निकाली हैं। उन्होंने कहा है कि जांच एजेंसी ऐसा कोई सुबूत पेश करने में नाकाम रही जो जरा सा भी सच का खुलासा कर सके।
By Edited By: Updated: Thu, 30 Jan 2014 07:30 AM (IST)
नई दिल्ली। आदर्श घोटाले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण के खिलाफ सीबीआइ के सुबूतों में प्रदेश के राज्यपाल के शंकरनारायणन ने कई खामियां निकाली हैं। उन्होंने कहा है कि जांच एजेंसी ऐसा कोई सुबूत पेश करने में नाकाम रही जो जरा सा भी सच का खुलासा कर सके।
चह्वाण पर यह आरोप है कि वर्ष 2000 में दो जून की बैठक में कारगिल के शहीदों की विधवाओं और सैन्य कर्मियों के लिए बने आदर्श सोसाइटी में उन्होंने ही आम नागरिकों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया था। इस बारे में राज्यपाल ने कहा कि सीबीआइ पूर्ण रूप से कल्पना और पूर्वानुमान के आधार पर आगे बढ़ी है। सीबीआइ ने बातचीत के जो सुबूत जुटाए हैं वह खुद इस बात का खुलासा करता है कि मुख्य अभियुक्त भूमि आवंटन के लिए वर्ष 2000 की बैठक से बहुत पहले से विभिन्न अधिकारियों के बातचीत कर रहा था। यह बात राज्यपाल ने पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी को सूचना के अधिकार (आरटीआइ) कानून के तहत उपलब्ध कराए गए आदेश में कही है। आदर्श का पिटारा खुला तो समझो डूबी कांग्रेस सीबीआइ का आरोप है कि चह्वाण ने राजस्व मंत्री के रूप में मुख्य अभियुक्त के साथ दो जून 2000 की बैठक की उस आपराधिक साजिश में शामिल थे जिसमें कथित रूप से प्रस्ताव दिया गया कि आदर्श सोसाइटी में 40 फीसद तक आम नागरिक सदस्य हो सकते हैं। राज्यपाल का कहना है कि उस दिन की बैठक से पहले भी यह स्पष्ट है कि आम नागरिक इस सोसाइटी की व्यवस्था में शामिल थे। राज्यपाल ने कहा कि दूसरे शब्दों में सीबीआइ कोई भी सुबूत पेश करने में सफल नहीं हो सकी। प्रथम दृष्टि में कोई मामला नहीं है इसलिए चह्वाण इस आरोप से बाहर किए जाते हैं।
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