माल्या को लोन देने में नेताओं के राजनीतिक दबाव की जांच करेगी सीबीआइ!
बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलायंस के पूर्व मालिक विजय माल्या पर बैंकों के दवाब के बाद अब बैंकों से लोन चुकाने में असफल रहने के मामले की जांच सीबीआई कर सकती है।
नई दिल्ली। बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलायंस के पूर्व मालिक विजय माल्या पर बैंकों के दवाब के बाद अब बैंकों से लोन चुकाने में असफल रहने के मामले की जांच सीबीआइ कर सकती है। जिस तरह से हर रोज माल्या मामले में नए-नए तथ्य आ रहे हैं उसे लेकर अब सीबीआई इस बात की भी जांच कर सकती है कि विजय माल्या को लोने देने के लिए बैंकों के ऊपर कोई राजनीतिक दवाब तो नहीं था।
विजय माल्या के खिलाफ निचली अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट के खिलाफ उनके वकील ने हैदराबाद हाइकोर्ट में याचिका लगाई है।
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आपको बता दें कि ईडी ने ईमेल के जरिए माल्या को नोटिस भेजा है जिनमें उनसे 18 मार्च तक पेश को कहा गया है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार इस बात की प्रमुखता से जांच की जाएगी कि माल्या को लोन देने के लिए किसी का राजनैतिक दवाब तो नहीं था। क्योंकि माल्या की कंपनी किंगफिशर को ऐसे समय में लोन दिए गया जब उनकी हालत पहले से ही खराब थी।
माल्या को लोन देने में कई ऐसे सवाल हैं जिनपर सीधे-सीधे बैंकों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहें हैं, जैसे-
- बैंकों को मालूम होने के बाद भी माल्या की खस्ताहाल कंपनी को सही रेटिंग दी
- विजय माल्या अपनी संपति को लोन सिक्योरिटी के तौर पर रखने से हमेशा टालमटोली करते रहे, लेकिन फिर भी बैंकों ने लोन दिया।
- 2012 में बैंकों ने कंपनी को लोन देने से इंकार किया, पर जो पहले लोन दिया था उसे इक्विटी में बदल दिया
- आईडीबीआई बैंक ने तो ऐसे समय में लोन दिया जब अन्य बैंकों ने किंगफिशर को लोने लेने से लगभग मना ही कर दिया था।
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