कोयला घोटाले में मधु कोडा तक पहुंची जांच की आंच
कोयला घोटाला की जांच की आंच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा तक पहुंच गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआई] ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में हुई गड़बड़ी में कथित संलिप्तता को लेकर कोडा से पूछताछ की है।
By Edited By: Updated: Sat, 19 Apr 2014 11:22 AM (IST)
नई दिल्ली। एक लाख 86 हजार करोड़ के कोयला घोटाला की जांच की आंच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा तक पहुंच गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआइ] ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में हुई गड़बड़ी में कथित संलिप्तता को लेकर कोडा से पूछताछ की है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने मधु कोडा से अमरकोंडा मुरगादंगल, कोल ब्लॉक आवंटन मामले में उनकी कथित भूमिका के बारे में पूछताछ की है। कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल की दो फर्मो को यह ब्लॉक आवंटित हुए हैं। अफसरों ने कोड़ा को कोल ब्लॉक आवंटन संबंधी दस्तावेज दिखाते हुए झारखंड सरकार द्वारा जिंदल की फर्मो को पहुंचाई गई कथित मदद के बारे में सवाल किए। सीबीआई ने 11 जून 2013 को कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव और कांग्रेसी सांसद व उद्योगपति नवीन जिंदल के खिलाफ धोखाधड़ी, भष्टाचार व आपराधिक दुराचार का मामला दर्ज किया था। सूत्रों के मुताबिक, जिंदल स्टील और पावर लिमिटेड [जेएसपीएल] और गगन स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड [जीएसआइपीएल] कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल की ही फर्मे हैं। दसारी नारायण राव के कोयला राज्यमंत्री रहते वर्ष 2008 में इन फर्मो ने जमीन, पेयजल और पूर्व आवंटन के संबंध में गलत तथ्य प्रस्तुत कर अमरकोंडा मुरगादंगल कोल ब्लॉक आवंटित कराए। जेएसपीएल ने 2007 में दाखिल किए गए अपने आवेदन में कहा था कि उसके पास सिर्फ तीन कोल ब्लॉक हैं जबकि हकीकत में उसके पास आधा दर्जन कोल ब्लॉक थे।
केंद्रीय जांच ब्यूरो के सूत्रों का दावा है कि कोल ब्लॉक आवंटन के एवज में जिंदल ने दसारी नारायण राव की कंपनी सौभाग्य मीडिया में 2.25 करोड़ का निवेश किया। यह काम शेयरों को ज्यादा दाम पर खरीद कर अंजाम दिया गया। पढ़ें: कितना बम : पीएम चाहते तो न होता कोयला घोटाला