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स्टिंग सीडी मामले में सीबीआइ ने हरीश रावत को किया तलब

हरीश रावत ने जांच वापस लेने के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव भी पास करा लिया था, लेकिन सीबीआइ ने इसे ठुकरा दिया..

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Sun, 22 May 2016 07:43 PM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को राजनैतिक लड़ाई जीतने के बाद स्टिंग सीडी मामले में सीबीआइ की जांच का सामना करना होगा। सीबीआइ ने रावत को पूछताछ के लिए मंगलवार को दिल्ली तलब किया है। राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल ने इसकी जांच सीबीआइ को सौंपी थी। दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद हरीश रावत ने जांच वापस लेने के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव भी पास करा लिया था, लेकिन सीबीआइ ने इसे ठुकरा दिया। सीबीआई से समन मिलने के बाद हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने सीबीआई से आग्रह किया था कि उनसे उत्तराखंड में ही सवाल-जवाब किया जाए लेकिन सीबीआई ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। पूछताछ के लिए वे दिल्ली जाएंगे।

हरीश रावत को मंगलवार को सीबीआइ मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया। इस मामले में इसके पहले भी रावत को समन किया जा चुका है। लेकिन उस समय विधानसभा में बहुमत साबित करने की राजनीतिक व्यस्तता का हवाला देते हुए उन्होंने आने से इनकार कर दिया था। देखना यह है कि मंगलवार को रावत सीबीआइ की पूछताछ के लिए हाजिर होते हैं या नहीं। सीबीआइ फिलहाल इसकी प्रारंभिक जांच कर रही है, इसीलिए इस मामले में गिरफ्तारी होने की कोई आशंका नहीं है। लेकिन जिस तरह से जांच आगे बढ़ रही है, उससे रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सरकार बचाने की जद्दोजहद में कैमरे में कैद डील की बातचीत का वीडियो फारेंसिक जांच में सही पाया गया है। इसके साथ ही एक विधायक ने रावत पर अपने आफिस में बुलाकर समर्थन के बदले में 2.5 करोड़ रुपये और अहम पद की पेशकश का आरोप लगाया है।

सीबीआइ ने इस विधायक का बयान भी दर्ज कर लिया है। यदि रावत सीबीआइ के सवालों को संतोषजनक जबाव नहीं दे पाते हैं तो सीबीआइ उनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कर सकती है। ऐसे में वह दूसरे ऐसे कांग्रेसी मुख्यमंत्री होंगे, जो सीबीआइ की जांच फंसे हैं। इसके पहले सीबीआइ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति बनाने के आरोपों की जांच कर रही है।

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