पूर्व कोयला सचिव से पूछताछ करेगी सीबीआइ
पूर्व कोयला सचिव पीसी परख की किताब प्रकाशित होने के कुछ ही दिन में सीबीआइ ने उनसे पूछताछ की तैयार कर ली है। जांच एजेंसी अगले सप्ताह परख से तालाबीरा-2 कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं को लेकर सवाल-जवाब कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआइ ने आदित्य बिड़ला समूह के कुछ शीर्ष अधिकारियों को ओडिशा के इस ब्लॉक के आवंटन से जुड़े सवाल जवाब के लिए तलब किया था।
By Edited By: Updated: Wed, 16 Apr 2014 08:47 PM (IST)
नई दिल्ली। पूर्व कोयला सचिव पीसी परख की किताब प्रकाशित होने के कुछ ही दिन में सीबीआइ ने उनसे पूछताछ की तैयार कर ली है। जांच एजेंसी अगले सप्ताह परख से तालाबीरा-2 कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं को लेकर सवाल-जवाब कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआइ ने आदित्य बिड़ला समूह के कुछ शीर्ष अधिकारियों को ओडिशा के इस ब्लॉक के आवंटन से जुड़े सवाल जवाब के लिए तलब किया था।
पूर्व कोयला सचिव ने हाल में जारी अपनी किताब में सीबीआइ द्वारा उनके खिलाफ मामला दर्ज करने पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि अगर वह दोषी हैं तो एफआइआर में प्रधानमंत्री का नाम भी होना चाहिए। फिलहाल बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला को तलब करने का फैसला नहीं लिया गया है। सीबीआइ ने प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकार टीकेए नायर द्वारा पूरे कोयला घोटाले की जांच करने के बाद बिड़ला समूह के अधिकारियों को तलब करने का फैसला किया था। नायर ने हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटन में कुछ भी गलत होने से इन्कार कर दिया था। बिड़ला और परख के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की इंडिया इंक व पूर्व नौकरशाहों ने काफी आलोचना की थी। सूत्रों के मुताबिक, जांच पूरी करने के बाद सीबीआइ फैसला करेगी कि मामले में आरोपपत्र दाखिल करना है या मामला बंद करना है। हिंडाल्को पहले ही अनियमितताओं के आरोपों को खारिज कर चुकी है। कंपनी का कहना है कि कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए जरूरी प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया गया है। ब्लॉक हासिल करने वाली तमाम कंपनियों में हिंडाल्को भी एक है। लिहाजा, हमारी भी जांच की जा रही है। सीबीआइ का आरोप है कि 2005 में परख ने अपने पद का दुरुपयोग कर तालाबीरा-2 और 3 ब्लॉक के आवंटन में ओडिशा की कंपनी हिंडाल्को को फायदा पहुंचाया। एफआइआर के मुताबिक, तमिलनाडु सरकार की कंपनी नेवेली लिग्नाइट लिमिटेड को तालाबीरा-2 ब्लॉक आवंटित किया गया था, लेकिन कथित तौर पर परख ने हिंडाल्को का पक्ष लिया और ब्लॉक में नेवेली के साथ साझेदारी दिला दी। इससे सरकारी खजाने को घाटा हुआ। ब्लॉक में काम शुरू नहीं हो पाने के कारण जांच एजेंसी वास्तविक घाटे का आकलन नहीं कर पाई है। ब्लॉक आवंटन के समय परख कोयला सचिव थे। उन पर अपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। किताब बम: पीएम चाहते तो न होता कोयला घोटाला