सीताराम येचुरी माकपा के पांचवें महासचिव
गठबंधन की व्यवहारिक राजनीति पर अच्छी पकड़ रखने वाले सीताराम येचुरी को रविवार को सर्वसम्मति से मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) का महासचिव निर्वाचित कर दिया गया। वह पार्टी में यह पद संभालने वाले पांचवें नेता हैं। प्रकाश करात का युग समाप्त होने के साथ ही माकपा और भाकपा के भावी
By Sudhir JhaEdited By: Updated: Sun, 19 Apr 2015 06:22 PM (IST)
विशाखापत्तनम। गठबंधन की व्यवहारिक राजनीति पर अच्छी पकड़ रखने वाले सीताराम येचुरी को रविवार को सर्वसम्मति से मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) का महासचिव निर्वाचित कर दिया गया। वह पार्टी में यह पद संभालने वाले पांचवें नेता हैं। प्रकाश करात का युग समाप्त होने के साथ ही माकपा और भाकपा के भावी विलय पर भी येचुरी ने कहा कि यह होना ही है लेकिन इसके लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है।
पार्टी की 21वीं कांग्रेस के अंतिम दिन रविवार को 91 सदस्यीय केंद्रीय समिति और 16 सदस्यीय पोलित ब्यूरो का भी चुनाव किया गया। 62 वर्षीय सीताराम येचुरी को माकपा की 21वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में पार्टी के सर्वोच्च पद के लिए सर्वसम्मति से चुना गया। 2005 से माकपा महासचिव रहे प्रकाश करात ने येचुरी के नाम का प्रस्ताव रखा। एस. रामचंद्रन पिल्लई ने उसका अनुमोदन किया। 91 सदस्यीय नई सेंट्रल कमेटी ने उसका समर्थन किया। येचुरी के निर्वाचन के बाद प्रकाश करात ने मीडिया को इस बारे में औपचारिक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पार्टी ने निर्विरोध महासचिव चुनने की परंपरा को बरकरार रखा है। नवनिर्वाचित येचुरी ने नए कार्य को चुनौती भरा बताते हुए 16 सदस्यीय नए पोलित ब्यूरो की घोषणा की है। पोलित ब्यूरो के चार नए सदस्यों में मुहम्मद सलीम, सुभाषिनी अली, हन्नान मुल्लाह और जी. रामकृष्णन हैं।
बृंदा करात के बाद कानपुर से अग्रणी माकपा नेता सुभाषिनी अली पोलित ब्यूरो में दूसरी महिला सदस्य हो गई हैं। पोलित ब्यूरो के पुराने सदस्यों में सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, बृंदा करात, एस.रामचंद्रन पिल्लई, बिमान बसु, मानिक सरकार, पिनयाराई विजयन, बीवी राघववुलु, के. बालाकृष्णन, एमए बेबी, एसके मिश्रा, एके पद्मनाभन अपने स्थान पर कायम हैं। 91 सदस्यों के अलावा, नई सेंट्रल कमेटी के पांच विशेष आमंत्रित और पांच स्थाई आमंत्रित होंगे।
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