जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की घटनाओं से निपटने की केंद्र तैयार कर रहा रणनीति
गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस पर विस्तृत बैठक कर चर्चा की
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में विकास योजनाओं को रफ्तार देने के अपने वादे को लेकर गंभीरता दिखाते हुए यहां की विकास योजनाओं की नियमित समीक्षा शुरू कर दी है। गुरुवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस पर विस्तृत बैठक कर चर्चा की। इस दौरान राज्य में गर्मी के दौरान तेज हो रही घुसपैठ की घटनाओं से निपटने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
बुधवार को हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों और सचिवों के साथ ही जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे। गृह मंत्रालय का कहना है कि इस बैठक के दौरान राज्य में विकास की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति का आकलन किया गया। साथ ही सीमा पार से हो रही घुसपैठ को ले कर रणनीति पर भी विचार किया गया। गर्मी के बढ़ने के साथ ही सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें तेज हो जाती हैं।
राज्य में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास को लेकर जारी प्रयास को लेकर भी इस दौरान स्थिति का जायजा लिया गया। उनके लिए राज्य सरकार को जल्द से जल्द जगह का चयन करने को कहा गया है। इसी तरह राज्य सरकार का कहना है कि विकास योजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए रक्षा मंत्रालय से वह भूमि वापस चाहिए जो लंबे समय से इसके पास है लेकिन जिसका उपयोग नहीं हो रहा है। केंद्र ऐसी 139 एकड़ जमीन वापस करने को सैद्धांतिक रूप से तैयार हो गया है। रक्षा सचिव को जल्दी ही इसकी पूरी योजना तैयार कर उस पर अमल करने को कहा गया है। यह काम वे राज्य सरकार के साथ मिलकर करेंगे। राज्य के मुख्य सचिव इस मामले में राज्य की जरूरतों से उन्हें अवगत करवाएंगे।
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