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अरुणाचल में सड़क की योजना पर चीन नाराज

चीन ने अरुणाचल प्रदेश में मॅकमहोन रेखा के साथ सड़क बनाने की भारत की योजना पर कड़ी प्रतिक्रिया की है। उसने उम्मीद जताई है कि अंतिम तौर पर सीमा विवाद सुलझने तक भारत स्थिति को जटिल बनाने वाली कोई कार्रवाई नहीं करेगा।

By Murari sharanEdited By: Updated: Thu, 16 Oct 2014 01:59 AM (IST)
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बीजिंग। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में मॅकमहोन रेखा के साथ सड़क बनाने की भारत की योजना पर कड़ी प्रतिक्रिया की है। उसने उम्मीद जताई है कि अंतिम तौर पर सीमा विवाद सुलझने तक भारत स्थिति को जटिल बनाने वाली कोई कार्रवाई नहीं करेगा।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हांग ली ने बुधवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत और चीन के बीच पूर्वी सीमा पर विवाद औपनिवेशिक अतीत की देन है और दोनों देशों को इस मुद्दे को सही तरीके से निपटाना होगा। उन्होंने कहा कि हमें संयुक्त रूप से शांति और सौहार्द के साथ सीमा क्षेत्र की रक्षा करते हुए विवाद के निपटारे के लिए अनुकूल परिस्थितियां तैयार करनी चाहिए।

हांग ली भारतीय विदेश राज्य मंत्री किरण रिजीजूके उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की योजना अन्तरराष्ट्रीय सीमा के साथ तवांग में मागो-थिंग्बू से लेकर अरुणाचल के चांगलांग जिले के विजयनगर तक सड़क नेटवर्क बनाने की है। भारत ने यह योजना चीन के तिब्बत में सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क के विस्तार के बाद बनाई है। चीन ने तिब्बत क्षेत्र में पांच नए एयरपोर्ट भी तैयार किए हैं। यही नहीं, उसका रेल नेटवर्क सिक्किम की सीमा तक पहुंच गया है।

अरुणाचल को विवादित मानता है चीन:

चीन ने अरुणाचल से सटे निंगची तक एक नया रेल नेटवर्क बनाने की घोषणा भी की है। वह दावा करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश, दक्षिणी तिब्बत और विवादित मॅकमहोन रेखा का हिस्सा है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों में 17 दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं। पिछले महीने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई वार्ता में भी यह मुद्दा शामिल था।

'अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर भारत के अभिन्न और अहस्तांतरणीय अंग हैं। भारत यह संदेश कई मौकों पर चीन के उच्चतम स्तर तक पहुंचा चुका है।'

-सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री

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