विहिप की पदयात्रा पर टकराव की गूंज दिल्ली पहुंची
अयोध्या के आसपास आधा दर्जन जिलों से गुजरने वाली विहिप की प्रस्तावित चौरासी कोसी पदयात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार से बढ़ रहे टकराव की गूंज दिल्ली में भी सुनाई पड़ने लगी है। बृहस्पतिवार को यह मामला न सिर्फ राज्यसभा में उठा, बल्कि इस मुद्दे पर भाजपा और सपा आमने-सामने दिखीं। भाजपा ने केंद्र से दखल ही नहीं,
By Edited By: Updated: Thu, 22 Aug 2013 10:39 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अयोध्या के आसपास आधा दर्जन जिलों से गुजरने वाली विहिप की प्रस्तावित चौरासी कोसी पदयात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार से बढ़ रहे टकराव की गूंज दिल्ली में भी सुनाई पड़ने लगी है। बृहस्पतिवार को यह मामला न सिर्फ राज्यसभा में उठा, बल्कि इस मुद्दे पर भाजपा और सपा आमने-सामने दिखीं। भाजपा ने केंद्र से दखल ही नहीं, जरूरी होने पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ कार्रवाई तक की मांग कर डाली।
भाजपा के थावरचंद गहलौत ने शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए अखिलेश सरकार को निशाने पर रखा। उन्होंने कहा, 'साधु-संत अयोध्या में पदयात्रा करने जा रहे हैं। राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर एक वर्ग विशेष के तुष्टीकरण के लिए पदयात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम मौलिक व संवैधानिक अधिकारों का हनन है। क्या सैकड़ों वर्षो से हिंदुस्तान में चल रही धार्मिक परिक्रमाओं को रोका जा सकता है? पदयात्रा शुरू कराने के लिए केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार को जरूरी निर्देश दे। राज्य सरकार फिर भी नहीं मानती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करे।' गहलौत की इन टिप्पणियों के बीच ही सपा के अरविंद कुमार सिंह, आलोक तिवारी, दर्शन सिंह यादव और चौधरी मुनव्वर सलीम ने खड़े होकर उनका कड़ा प्रतिवाद करना शुरू कर दिया। दोनों तरफ से शोरशराबे की स्थिति बन गई। उसी दौरान भाजपा के रविशंकर प्रसाद भी खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की भी भावनाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। संसद भवन परिसर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बसपा प्रमुख मायावती ने सपा और भाजपा में मिलीभगत का आरोप लगाया। जबकि, भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धार्मिक आयोजनों के समय का फैसला सरकार नहीं कर सकती। कानून-व्यवस्था बिगड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा, दस करोड़ हिंदू इलाहाबाद महाकुंभ में थे। अभी सावन में ही लाखों लोग अयोध्या में जुटे थे। कोई समस्या नहीं आई। पदयात्रा पर रोक आजम खां के कहने पर हुई है।
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