'कांग्रेस को 21वीं सदी का बनाने के लिए जल्द ही होंगे बदलाव'
पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस को 21वीं सदी में स्थापित करने के लिए जल्द ही इसमें बदलाव होंगे। पायलट ने यह स्वीकार किया कि पार्टी चौराहे पर थी और संगठन व संप्रग सरकार दोनों में खामियां थीं जिनकी वजह से सांसदों की संख्या इतनी कम है। हमने पराजय को विनम्रता के साथ स्वीकार किय
By Edited By: Updated: Tue, 08 Jul 2014 07:48 AM (IST)
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस को 21वीं सदी में स्थापित करने के लिए जल्द ही इसमें बदलाव होंगे। पायलट ने यह स्वीकार किया कि पार्टी चौराहे पर थी और संगठन व संप्रग सरकार दोनों में खामियां थीं जिनकी वजह से सांसदों की संख्या इतनी कम है। हमने पराजय को विनम्रता के साथ स्वीकार किया है। पायलट ने लोकसभा चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत का श्रेय संघ परिवार को दिया।
चुनावों में करारी शिकस्त का दोष राहुल गांधी पर मढ़ने से इन्कार करते हुए पायलट ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। वह अब उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जहां कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पहले जितनी कड़ी मेहनत करते थे वैसी ही आगे भी करते रहेंगे। पायलट ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बयान पर पार्टी के अंदर बारीकी से चर्चा होगी। जब आप फैसले लेते हैं तो बिना सोचे प्रतिक्रियाएं नहीं देते। हम अभी चौराहे पर हैं अभी इसके बारे में स्पष्ट होने दें। कांग्रेस पार्टी लोकसभा में घटकर 44 सांसदों पर आ गई है और यह हम लोगों के लिए एक बड़ा सदमा है। इससे पहले कभी भी सांसदों की संख्या के मामले में पार्टी इतने नीचे नहीं गई थी। पायलट ने कहा कि पार्टी में बदलाव होंगे और सोनिया गांधी पूरे देश से मिली जानकारी के आधार पर चर्चा कर ये बदलाव करेंगी। पायलट ने यह भी कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितने दिनों तक संघ का दबाव झेल पाएंगे।