मूर्ति विसर्जन के दौरान छपरा में हिंसा, आगजनी
शहर में सोमवार को प्रतिमा विसर्जन के दौरान कथित तौर पर डीजे बंद कराने से आक्रोशित भीड़ पुलिस से भिड़ गई। पुलिस को हालात नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। फिलहाल, मौके पर तनाव व्याप्त है। पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया।
छपरा। शहर में सोमवार को प्रतिमा विसर्जन के दौरान कथित तौर पर डीजे बंद कराने से आक्रोशित भीड़ पुलिस से भिड़ गई। पुलिस को हालात नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। फिलहाल, मौके पर तनाव व्याप्त है।
पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया। आक्रोशित लोगों ने उन्हें छुड़ाने के लिए थाने का घेराव किया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। घटना में पुलिस के भी कुछ जवान घायल हुए हैं। बाद में सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर ऊर्जा विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत और एडीजी मुख्यालय गुप्तेश्वर पांडेय हेलीकाप्टर से मौके पर पहुंचे। इन लोगों ने पूजा समिति के सदस्यों व अन्य बुद्धिजीवियों से वार्ता की।
वार्ता के बाद इन अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि इस घटना में जिस किसी भी अधिकारी की लापरवाही सामने आएगी उसपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। बताया जाता है कि तीन दिनों से सुलगती आग ने सोमवार को उस समय उग्र रूप धारण कर लिया जब प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगा दी। पूजा समितियों के सदस्य आक्रोशित हो गए। पुलिस पर पथराव किया गया। इसमें तीन पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। इसे देख पुलिसकर्मियों ने भी लाठियां चटकाईं व आंसू गैस के गोले दागे।
थाना चौक से लेकर नगरपालिका चौक, साहेबगंज, मौना चौक, गांधी चौक, दारोगा राय चौक, नारायण चौक पूरी तरह रणक्षेत्र में तब्दील हो चुका था। पुलिस उपद्रवियों को पकड़कर पीट रही थी जिससे लोगों का आक्रोश और भड़क गया। उसके बाद असामाजिक तत्वों ने नगरपरिषद के एक जेसीबी व एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया। उसके बाद उपद्रवी बीएसएनएल कार्यालय में पहुंचकर जमकर तोड़फोड़ किए। वहां खड़े आधा दर्जन से अधिक वाहनों तथा दो बड़े जेनरेटरों को आग के हवाले कर दिया।
पूरे शहर में कर्फ्यू जैसा माहौल कायम हो गया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 36 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। कुछ बुद्धिजीवियों व राजनीतिज्ञों के बीच-बचाव करने पर लोगों को छोड़ भी दिया। उसके बावजूद भी लोग आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। इसे देख प्रशासन ने उन्हें हटाने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस पर जमकर पथराव हुई। उसके बाद पुलिस ने प्रतिमा को अपने कब्जे में लेकर शहर के राजेन्द्र सरोवर में विसर्जित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही आइजी पारसनाथ, प्रमंडलीय आयुक्त उपेन्द्र कुमार सहित जिला प्रशासन के सभी अधिकारी पहुंच गए। जिला प्रशासन माहौल को शांत करने में जुटा हुआ है।
इस संबंध में जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि आज बकरीद है। मुस्लिम वर्ग के लोग नमाज अदा करने वाले थे। इसी को देखते हुए जो मूर्तियां जाने में विलंब हुई थी, उसे रोका गया था। जुलूस में उत्तेजक गीत बजाए जा रहे थे। जिसपर रोक लगाई गई तो पूजा समिति के सदस्य भड़क गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना में शरारती तत्वों का हाथ है। पुलिस उन्हें चिन्हित कर रही है। उन्होंने हवाई फायरिंग की बात से भी साफ तौर पर इनकार किया।