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सुनंदा के विसरा में मिला लीडोकेन केमिकल

पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर हत्याकांड मामले में एफबीआइ और एम्स मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में नया खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक सुनंदा के विसरा में लीडोकेन केमिकल मिलने के साथ अत्यधिक मात्रा में एलप्राजोलम की भी पुष्टि हुई है।

By Manish NegiEdited By: Updated: Fri, 22 Jan 2016 09:44 PM (IST)
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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर हत्याकांड मामले में एफबीआइ और एम्स मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में नया खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक सुनंदा के विसरा में लीडोकेन केमिकल मिलने के साथ अत्यधिक मात्रा में एलप्राजोलम की भी पुष्टि हुई है।

लीडोकेन का इस्तेमाल आमतौर पर ऑपरेशन के दौरान किसी हिस्से को सुन्न करने में किया जाता है। इसे इंजेक्शन या जेल के माध्यम से शरीर की ऊपरी त्वचा पर लगाया जाता है, यदि इसे नस में लगा दिया जाए तो यह मौत का कारण बनता है।

एफबीआइ रिपोर्ट के आधार पर एम्स मेडिकल बोर्ड ने दिल्ली पुलिस को बताया है कि सुनंदा के मौत जहर से ही हुई है। इसके अलावा एसआइटी को सुनंदा के शरीर पर लगे इंजेक्शन की हकीकत की जांच करने की सलाह भी दी है।

सुनंदा की हत्या का मुकदमा जनवरी 2015 में दर्ज हुआ था। इसके बाद सुनंदा का विसरा फॉरेंसिक ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआइ) लैब को जांच के लिए भेजा गया था। एफबीआइ ने अक्टूबर में रिपोर्ट दी थी। इस पर दिल्ली पुलिस ने एम्स मेडिकल बोर्ड से ओपिनियन रिपोर्ट मांगी थी। ओपिनियन रिपोर्ट सामने आने के बाद अब एफबीआइ की रिपोर्ट सामने आई है।

एफबीआइ ने रिपोर्ट में खुलासा किया है कि सुनंदा के शरीर में अत्यधिक मात्रा में एलप्राजोलम मिला है। सुनंदा के पेट, लीवर के साथ किडनी में भी एलप्राजोलम मिला है। इतना ही नहीं, शरीर में लीडोकेन केमिकल मिला है। एम्स के एक डॉक्टर की मानें तो लीडोकेन केमिकल जल्दी से जांच में स्पष्ट नहीं होता है। पोस्टमार्टम में सुनंदा के शरीर पर इंजेक्शन के निशान मिले थे। मालूम हो कि एलप्राजोलम का इस्तेमाल अवसाद की दवा के रूप में किया जाता है।

पढ़े : एम्स मेडिकल बोर्ड पहले ही बता चुका है प्राकृतिक नहीं थी सुनंदा की मौत