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ओपनिंग में उम्‍मीद से कम रही 'छपाक', इसमें बाजी मार गई अजय देवगन की 'तान्‍हा जी'

छपाक से जितनी उम्‍मीद की जा रही थी ओपनिंग में वह उससे काफी पीछे रह गई। वहीं अजय देवगन की तान्‍हा जी ने उम्‍मीद के मुताबिक ओपनिंग की है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 12 Jan 2020 10:43 AM (IST)
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ओपनिंग में उम्‍मीद से कम रही 'छपाक', इसमें बाजी मार गई अजय देवगन की 'तान्‍हा जी'
अनंत विजय। दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘छपाक’ रिलीज हो गई और फिल्म कारोबार के जानकारों के मुताबिक उसकी फिल्म को अपेक्षित ओपनिंग नहीं मिल पाई। फिल्म के दर्शकों के पसंद करने के पूर्वानुमान के आंकड़ों से भी कम की ओपनिंग मिली। पहले दिन की ओपनिंग संतोषजनक नहीं कही जा सकती है। ‘छपाक’ पहले दिन पांच करोड़ रुपये का बिजनेस भी नहीं कर पाई, जबकि अनुराग कश्यप जैसे सूरमा भी इस फिल्म के प्रमोशन के लिए कूद गए थे। वैसे भी अनुराग कश्यप फ्लॉप फिल्मों के ही निर्देशक बन कर रह गए हैं जो अपनी निजी कुंठा बेहद अमर्यादित तरीके से ट्वीटर पर निकालते रहते हैं। पहले दिन पांच करोड़ से नीचे रह जाना ‘छपाक’ के लिए झटके जैसा है। मेट्रो शहरों के कुछ मल्टीप्लैक्स में इस फिल्म को देखने दर्शक पहुंचे, लेकिन मेट्रो से बाहर इस फिल्म को अतिसाधारण ओपनिंग मिली।

पटना के एक सिनेमा हॉल में एक शो में तीन दर्शक के रहने की खबरें आईं। दीपिका पादुकोण जैसी बड़ी स्टार और मेघना गुलजार जैसी मशहूर निर्देशक के होते हुए फिल्म ‘छपाक’ को पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर इतनी कम ओपनिंग मिलना चकित करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि दीपिका का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के आंदोलनकारी छात्रों के बीच जाने की युक्ति भी काम नहीं कर पाई। सात जनवरी की शाम जब दीपिका पादुकोण जेएनयू के आंदोलनकारी छात्रों के बीच पहुंची थीं तो उसके बाद एक वर्ग विशेष ने फिल्म के पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया था। टिकट खरीदने और उसका स्क्रीन शॉट ट्वीटर पर पोस्ट करने की मुहिम भी चलाई गई थी। लेकिन अब जब दीपिका की फिल्म छपाक को देखने के लिए अपेक्षित संख्या में दर्शक नहीं पहुंचे तो ये संकेत तो साफ हो गया है कि सोशल मीडिया पर चाहे जितना शोर मचा लो फिल्म को फायदा नहीं मिला। बल्कि इसका फायदा अजय देवगन की फिल्म ‘तान्हाजी’ को हो गया।

‘तान्हाजी’ को बॉक्स ऑफिस पर पहले ही दिन 15 करोड़ रुपये से अधिक की ओपनिंग मिली जो सफल फिल्म होने का संकेत देती है। फिल्म ‘छपाक’ की रिलीज के तीन दिन पहले दीपिका पादुकोण का जेएनयू जाना और वहां आंदोलनकारी छात्रों के साथ खड़े होने की रणनीति फिल्म प्रमोशन के लिए थी, लेकिन अब वो चौतरफा घिर गई हैं। राजनीतिक तौर पर भी उनके बयानों की लानत मलामत हो रही है। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने उनके जेएनयू जाने को लेकर उनको घेरा है। लगता है फिल्म को सफल बनाने के लिए जेएनयू जाने की रणनीति उल्टी पड़ती नजर आ रही है।

फिल्म इंडस्ट्री में कई बड़े निर्माता निर्देशक एक रिपोर्ट पर विश्वास करते हैं और फिल्म की रिलीज के पहले उसकी रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार कर रणनीति बनाते हैं। एक कंपनी ऑरमैक्स, सिनेमैटिक्स रिपोर्ट जारी करती है जिसके आधार पर पहले दिन बॉक्स ऑफिस ओपनिंग (एफबीओ) के बारे में अंदाज लगाया जाता है। ऑरमैक्स सिनेमैटिक्स निश्चित तारीख पर रिलीज होनेवाली फिल्मों के प्रमोशन कैंपेन को चार आधार पर ट्रैक करती है ताकि पहले दिन फिल्म की ओपनिंग का अंदाज लगाया जा सके। ये चार आधार होते हैं बज (चर्चा), रीच (पहुंच) अपील और इंटरेस्ट (रुचि)। ये एक रियल टाइम रिपोर्ट होती है जो किसी भी फिल्म के प्रमोशन कैंपेन को रोजाना ट्रैक करती है। इसको फर्स्‍ट डे बॉक्स ऑफिस मॉडल कहते हैं। इसके आधार पर ना केवल फिल्म का प्रमोशन कैंपेन डिजाइन किया जाता है, बल्कि उसमें बदलाव भी किया जाता है। इस व्यवस्था को भरोसेमंद बनाने के लिए फिल्मों के 29 मार्केट से जानकारियां जमा की जाती है। विश्लेषण करने के बाद सिनेमैटिक्स रिपोर्ट तैयार की जाती है।

इस रिपोर्ट में फिल्मों पर असर डालनेवाले बाहरी कारकों के प्रभाव का भी ध्यान रखा जाता है। बाहरी कारक यानी फिल्म रिलीज की तारीख के दिन या उसके आसपास पड़ने वाले त्योहार, छुट्टियां, क्रिकेट मैच, परीक्षाएं या मौसम को विश्लेषित किया जाता है। गौरतलब है कि फिल्म ‘धूम 3’ के लिए एफबीओ रिपोर्ट साढ़े बत्तीस करोड़ रुपये की ओपनिंग की थी जबकि वास्तविक ओपनिंग 30.9 करोड़ रुपये की रही जो पूर्वानुमान के बहुत करीब थी। फिल्म ‘आर राजकुमार’ के लिए ओपनिंग का पूर्वानुमान 8.3 करोड़ रुपये का था जबकि वास्तविक ओपनिंग 8.8 करोड़ रुपये की हुई थी। कंपनी मानती है कि उसकी रिपोर्ट एकदम सटीक नहीं होती है और उसमें पांच फीसद ऊपर नीचे की गुंजाइश होती है।

‘छपाक’ फिल्म की सात जनवरी को दिन में ये रिपोर्ट आती है जिसमें वो ऊपर उल्लिखित चारों मापदंडों पर तीसरे स्थान पर आती है जबकि उसके रिलीज वाले दिन अजय देवगन-काजोल की फिल्म ‘तान्हाजी, द अनसंग वॉरियर’ पहले स्थान पर थी। पहुंच में भी फिल्म ‘छपाक’ इसी दिन रिलीज होनेवाली ‘तान्हाजी, द अनसंग वॉरियर’ और 24 जनवरी को रिलीज होनेवाली फिल्म ‘स्ट्रीट डांसर’ से पीछे थी। दर्शकों की रुचि में भी दीपिका की फिल्म ‘तान्हाजी’ से पीछे चल रही थी। इससे भी चिंता की बात यह थी कि एफबीओ में ‘छपाक’ और ‘तान्हाजी, द अनसंग वॉरियर’ की पहले दिन की ओपनिंग में बहुत अधिक फर्क थी। ‘तान्हाजी’ को इस रिपोर्ट में ‘छपाक’ से लगभग दोगुनी ओपनिंग मिलने का पूर्वानुमान लगाया गया था।

बताया जाता है कि इस रिपोर्ट के आते ही फिल्म ‘छपाक’ का प्रमोशन देख रहे लोगों ने रणनीति बदली और उसके बाद ही दीपिका के जेएनयू जाने की योजना बनाई थी। फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का कहना था कि ऐसा पहली बार हो रहा था कि दीपिका की किसी भी फिल्म की पहले दिन बॉक्स ऑफिस ओपनिंग (एफबीओ) का आंकड़ा इकाई में नहीं आया था। एफबीओ के सिंगल डिजिट में आने से भी जेएनयू जाने की योजना बनी थी। दीपिका पादुकोण के जेएनयू जाने के दो दिन बाद सिनेमैटिक्स की नौ जनवरी की रिपोर्ट से पता लगा था कि ‘छपाक’ को बहुत मामूली फायदा हुआ था। चार मापदंडों पर दीपिका के जेएनयू जाने का थोड़ा ही असर हुआ, लेकिन फस्र्ट डे बॉक्स ऑफिस ओपनिंग के पूर्वानुमान पर असर नहीं पड़ा। जबकि ‘तान्हाजी’ के एफबीओ में मामूली वृद्धि होती दिख रही है। दोनों फिल्में रिलीज हो गई हैं तो ये साफ हो गया है कि सिनेमैटिक्स रिपोर्ट के आंकड़े फिल्म दर्शकों के बारे में तकरीबन सही अंदाज लगा पा है।

दीपिका पादुकोण की फिल्म का प्रमोशन देख रहे लोगों ने सोचा होगा कि उनके जेएनयू जाने से छपाक के पहले भी उसी तरह का विवाद उठ खड़ा होगा जिस तरह का विवाद फिल्म पद्मावत के वक्त उठ खड़ा हुआ था। उनके जेएनयू पहुंचने पर विवाद शुरू तो हुआ, लेकिन उसकी चंद घंटों में ही निकल गई। विवाद से मुनाफा कमाने की रणनीति का कोई फायदा नहीं हुआ। विवाद उठाकर मुनाफा कमाने की रणनीति अब पुरानी हो गई है। आमिर खान की जब भी कोई फिल्म रिलीज होती है तो वो विवाद उठाने से नहीं चूकते हैं। किसी फिल्म की रिलीज के पहले उनको गुजरात दंगों की याद आती है तो किसी फिल्म के पहले वो नर्मदा आंदोलन को लेकर विवादित बयान दे देते हैं। विवाद उठाकर मुनाफा कमाने में आमिर खान को महारत हासिल है।

जब कोई फिल्म नहीं आ रही होती है तो वो आमतौर पर खामोश ही रहते हैं। किसी भी कलाकार को या फिल्म प्रोड्यूसर को अपने उपक्रम से मुनाफा कमाने का हक है, लेकिन मुनाफा के लिए लोगों की भावनाएं भड़का कर उनको सिनेमा हॉल तक खींचने का उपाय करना कितना उचित है इस पर भी विचार करने की जरूरत है। दीपिका की फिल्म ‘छपाक’ को जिस तरह से विवाद का कोई फायदा नहीं मिला उससे बॉलीवुड के इन सितारों को सीख तो मिली ही होगी। उल्ट इस बार तो दीपिका विवाद में चौतरफा घिर भी गईं हैं। हां, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के आंदोलनकारी छात्रों के साथ जाकर खड़े होने का एक फायदा ये हुआ कि कुछ राज्यों में ये फिल्म टैक्स फ्री हो गई।

फिल्मों के रिलीज होने से पहले उसे या उससे जुड़े किसी किरदार का किसी न किसी प्रकार से विवाद का हिस्सा बनाने की रणनीति बीते कुछ समय से जोर पकड़ती जा रही है। हालांकि फिल्म को विवाद में लाने के लिए तर्क भी दिए जाते हैं, लेकिन इससे कई बार फिल्म को फायदा होता है, तो कई बार दांव उल्टा पड़ जाता है। इस शुक्रवार को देश भर में रिलीज की गई फिल्म ‘छपाक’ के साथ भी ऐसा ही होता दिख रहा है।

(anant@nda.jagran.com)