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चिदंबरम ने इशरत जहां पर पहले हलफनामे को अकेले बदला था !

गुजरात में 2004 में कथित फर्जी मुठभेड़ के दौरान मारी गई इशरत जहां पर प्रथम हलफनामे को तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने बदल दिया था, लेकिन उस समय के गृह सचिव जीके पिल्लई ने स्वयं से कोई सलाह नहीं किए जाने के चलते कोई असंतोष दर्ज नहीं किया था।

By kishor joshiEdited By: Updated: Thu, 03 Mar 2016 07:56 AM (IST)

नई दिल्ली। गुजरात में 2004 में कथित फर्जी मुठभेड़ के दौरान मारी गई इशरत जहां पर प्रथम हलफनामे को तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने बदल दिया था, लेकिन उस समय के गृह सचिव जीके पिल्लई ने स्वयं से कोई सलाह नहीं किए जाने के चलते कोई असंतोष दर्ज नहीं किया था। फाइल नोटिंग में इस बात का खुलासा हुआ है कि इशरत जहां केस में पहले हलफनामे को महाराष्ट्र और गुजरात पुलिस की जानकारी के आधार पर दाखिल किया गया था, जिसमें कहा गया था कि मुंबई के बाहरी इलाके की 19 वर्षीय यह लड़की लश्कर ए तैयबा की कार्यकर्ता है लेकिन इसे दूसरे हलफनामे में इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया था।

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बताया जा रहा है कि, दूसरे हलफनामे में हर रिपोर्ट को नजरदांज कर दिया गया था और यह कहा गया इशरत को आतंकवादी साबित करने के लिए कोई महत्वपूर्ण साक्ष्य नहीं है। दूसरे हलफनामे को चिदंबरम ने तैयार किया था। बताया जा रहा है कि तत्कालीन गृह मंत्री ने अपने किसी अधिकारी से बात किए बगैर समूचे हलफनामे को बदलकर इशरत को क्लीन चिट दे दी। कहा जा रहा है कि फाइल नोटिंग को कोट करते हुए 23 सितंबर 2009 को पिल्लई ने मूल हलफनामा चिदंबरम को भेज दिया था।

चिदंबरम ने अगले दिन फाइल देखी और "संशोधन के रूप में" लिखा तथा यह आदेश दिया कि इसे अदालत भेजेने से पहले इसकी एक स्पष्ट प्रति उन्हें दिखानी होगी। पिल्लई ने 24 सितंबर 2009 को फाइल में लिखा कि एक स्पष्ट प्रति गृहमंत्री को दिखाई गई है। फाइल में यह लिखा गया कि "सूचना" के लिए हलफनामे की एक प्रति कानून सचिव और अटार्नी जनरल को भेजी जानी चाहिए।

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