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चिदंबरम ने किया मोदी के कड़े कदमों का समर्थन

संप्रग सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े कदम उठाने की घोषणा का समर्थन किया है। कांग्रेस प्रवक्ता के तौर पर पार्टी कार्यालय की नियमित प्रेसवार्ता में महंगाई के मुद्दे पर पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने मोदी सरकार की मजबूरियों को गिनाकर सबको चौंका दिया।

By Edited By: Updated: Sat, 21 Jun 2014 10:54 AM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संप्रग सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े कदम उठाने की घोषणा का समर्थन किया है। कांग्रेस प्रवक्ता के तौर पर पार्टी कार्यालय की नियमित प्रेसवार्ता में महंगाई के मुद्दे पर पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने मोदी सरकार की मजबूरियों को गिनाकर सबको चौंका दिया।

उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ाने के कई कारकों पर नियंत्रण करना सरकार के हाथ में नहीं होता है। लेकिन सरकार महंगाई का असर कम करने के लिए कुछ कदम उठा सकती है। साथ ही उन्होंने माना कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का एक प्रमुख कारण महंगाई भी बनी।

चिदंबरम ने कहा, 'अगर मैं सरकार में होता तो मैं भी कठोर निर्णय लेने का समर्थन करता। विश्व अर्थव्यवस्था के मंदी के दौर में होने की वजह से ऐसे उपायों की जरूरत है।' प्रधानमंत्री मोदी के तीखे आलोचक रहे चिदंबरम ने योजना आयोग के अधिकारों को सीमित करने वाले सरकार के ताजा रुख का समर्थन किया है। उनकी निजी राय है कि फिलहाल योजना आयोग बहुत बड़ा व अव्यवस्थित है। सरकार में रहते हुए भी वह इस बात को उठाते रहे हैं।

चिदंबरम ने प्रधानमंत्री मोदी के इस दावे को खारिज किया कि संप्रग सरकार अपने पीछे खाली खजाना छोड़कर गई है। उन्होंने खजाने में विदेशी मुद्रा और अन्य मानकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कहा कि महंगाई बढ़ाने वाली बहुत सारी चीजें सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर की होती हैं। उदाहरण के लिए कच्चे तेल के मूल्य बढ़ेंगे, तो इसका असर महंगाई पर पड़ेगा। इसी तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटने वाली तमाम घटनाएं घरेलू अर्थव्यवस्था पर असर डालती हैं। इसका प्रभाव कम करने के लिए सरकार उपाय कर सकती है। हम जो उपाय कर रहे थे, वही अब मोदी सरकार कर रही है।

फल व सब्जियों को मंडी कानून के दायरे से अलग करने वाला उपाय कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पहले ही किया था। अब वही कदम मोदी सरकार उठा रही है। लेकिन जब संप्रग सरकार वही उपाय करती थी तो भाजपा वाले मानते नहीं थे और अब वही दुहरा रहे हैं। चिदंबरम ने मोदी सरकार के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि संप्रग ने 2.43 लाख मेगावॉट बिजली उत्पादन और 2.07 करोड़ टन पेट्रोलियम रिफाइनिंग क्षमता स्थापित की है। कोयला, स्टील, उर्वरक और सीमेंट का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। सबसे ज्यादा खाद्यान्न उत्पादन किया गया। हम सरकारी गोदामों में पर्याप्त खाद्यान्न भरा छोड़ गए हैं।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में 3.90 करोड़ किमी लंबाई की ग्रामीण सड़कें बनाई गईं। इसी तरह के ढेर सारे आंकड़े पेश कर चिदंबरम ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।

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