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कनाडा: निरंकारी समुदाय के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह की सड़क हादसे में मौत

निरंकारी बाबा हरदेव सिंह का शुक्रवार को कनाडा में एक सड़क हादसे में निधन हो गया। उनके निधन पर पीएम मोदी समेत राजनााथ सिंह और सोनिया गांधी ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है।

By kishor joshiEdited By: Updated: Fri, 13 May 2016 10:11 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। संत निरंकारी मंडल के प्रमुख बाबा हरदेव ¨सह की अमेरिका के न्यूयार्क से कनाडा के मॉन्टि्रयल शहर जाने के दौरान सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। शुक्रवार सुबह पांच बजे बाबा अपने दोनों दामाद संदीप खिडा व अवनीत सेतिया के अलावा विवेक शर्मा के साथ कार से एक भक्त से मिलने जा रहे थे। मॉन्टि्रयल से करीब 40 किमी पहले टायर फटने से उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। अस्पताल में इलाज के दौरान निरंकारी बाबा का निधन हो गया। बाकी घायल खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

संत निरंकारी मंडल के प्रवक्ता कृपा सागर ने बताया कि बाबा के पार्थिव शरीर को भारत लाने की तैयारी की जा रही है। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया जाएगा। बाबा हरदेव ¨सह का जन्म 23 फरवरी, 1954 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के संत निरंकारी कॉलोनी में रोसरी स्कूल और फिर पटियाला के एक बोर्डिग स्कूल में शिक्षा ग्रहण की थी। 1980 में पिता की मौत के बाद उन्हें निरंकारी मंडल का मुखिया बनाया गया था। इसके पूर्व वह 1971 में निरंकारी सेवा दल में शामिल हुए थे। 1975 में उन्होंने फर्रुखाबाद की स¨वदर कौर से शादी की थी।

1929 में निरंकारी मिशन की हुई स्थापना

संत निरंकारी मिशन की 1929 में स्थापना हुई थी। इस मिशन की 27 देशों में 100 शाखाएं चल रही हैं। भारत में भी तकरीबन हर राज्यों में लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हैं। बाबा हरदेव ¨सह को विश्व में मानवता की शांति के लिए कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ भी सम्मानित कर चुका है। निरंकारी मंडल की ओर से बुराड़ी स्थित मैदान में हर साल नवंबर में वार्षिक समागम का आयोजन किया जाता है। इसमें भारत समेत दुनिया भर के लाखों भक्त भाग लेते हैं।

निरंकारी कॉलोनी में छाया मातम

निरंकारी बाबा की निधन की खबर सुनकर उनके अनुयायियों को गहरा सदमा लगा है। निरंकारी कॉलोनी स्थित संत निरंकारी मंडल के मुख्यालय में बड़ी संख्या में अनुयायी पहुंच गए। कई महिला अनुयायियों की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। कई तो अपनी दुनिया उजड़ जाने की बात कहते हुए दहाड़े मारकर रो रही थीं। संत निरंकारी मिशन की ओर से यह अपील की गई थी कि कोई भी भक्त मुख्यालय पर नहीं पहुंचे, लेकिन जैसे-जैसे भक्तों के बीच के यह खबर फैल रही थी वैसे-वैसे वह निरंकारी कॉलोनी पहुंच रहे थे। स्थिति ऐसी थी कि भक्तों के हुजूम को देखते हुए निरंकारी कॉलोनी के प्रवेश द्वार को बंद करना पड़ा और वाहनों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई।

पढ़ें: निरंकारी मिशन सांसारिक सुखों का विरोधी नहीं: हरदेव सिंह

जानिए, कौन हैं बाबा हरदेव सिंह

  • संत निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह का जन्म 23 फरवरी, 1954 को हुआ था।
  • उन्होंने दिल्ली के संत निरंकारी कॉलोनी स्थित रोजेरी पब्लिक स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी।
  • उसके बाद 1963 में उन्होंने पटियाला के बोर्डिंग स्कूल यादविंद्र पब्लिक स्कूल में दाखिला लिया।
  • दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने 1971 में एक सदस्य के रूप में निरंकारी सेवा दल ज्वॉईन कर लिया।
  • 1975 में एक वार्षिक निरंकारी संत समागम के दौरान दिल्ली में उनकी शादी सविंदर कौर से हुई।
  • अपने पिता की मौत के बाद 1980 में वे संत निरंकारी मिशन के मुखिया बने। उन्हें सतगुरू की उपाधि दी गई।
  • 1929 में बाबा बूटा सिंह द्वारा संत निरंकारी मिशन की स्थापना की गई थी।