भारतीय सीमा में 25 किमी अंदर घुसा चीन, सेना का घुसपैठ से इंकार
ड्रैगन एक बार फिर अपनी पुरानी हरकत दोहरा रहा है। चीनी सैनिक पिछले साल की तरह एक बार फिर लद्दाख के पास भारतीय इलाके में 25 किलोमीटर तक अंदर घुस आए हैं। हालांकि, भारतीय सेना ने इसे घुसपैठ की घटना मानने से इन्कार किया है। इसके मुताबिक, कुछ इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्पष्ट पहचान नहीं ह
By Edited By: Updated: Tue, 19 Aug 2014 12:07 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ड्रैगन एक बार फिर अपनी पुरानी हरकत दोहरा रहा है। चीनी सैनिक पिछले साल की तरह एक बार फिर लद्दाख के पास भारतीय इलाके में 25 किलोमीटर तक अंदर घुस आए हैं। हालांकि, भारतीय सेना ने इसे घुसपैठ की घटना मानने से इन्कार किया है। इसके मुताबिक, कुछ इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्पष्ट पहचान नहीं होने के कारण दोनों तरफ से ऐसा होता रहता है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान लद्दाख क्षेत्र के बुत्से इलाके में नियंत्रण रेखा के 25 से 30 किलोमीटर अंदर घुस आए हैं। करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित जम्मू-कश्मीर की इस जगह पर उन्होंने चीन का दावा करने वाला बैनर भी लगा दिया है। हालांकि अब तक यह पक्का नहीं हो पाया है कि पिछले साल की तरह इस बार उन्होंने यहां टैंट लगाए हैं या नहीं। यह सुनिश्चित करने के लिए इस इलाके की सेटेलाइट से तस्वीरें ली जा रही हैं। भारतीय सैनिकों को चीन के इस दुस्साहस की खबर रविवार को लगी। बुत्से इलाके में जब भारतीय जवान अपनी चौकी से नई पेट्रोलिंग चौकी जा रहे थे, तो उन्होंने रास्ते में चीनी सैनिकों को जमे हुए पाया। यह जगह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से भारतीय इलाके में 25 से 30 किलोमीटर अंदर है। इसके बाद सोमवार को भारतीय दल एक बार फिर वहां गया। इस बार उनके साथ क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) के लोग भी थे। इस बार भी चीनी सैनिक वहीं जमे मिले। उन्होंने अपने हाथ में थामे बैनरों पर लिखा था- 'यह चीनी इलाका है। लौट जाओ।' भारतीय दल के अनुरोध को चीन के सैनिकों ने पूरी तरह अनसुना कर दिया। ऐसे में भारतीय दल ने इसकी सूचना अधिकारियों को दे दी। यह वही जगह है, जहां पिछले साल भी चीन ने अपने टैंट लगा लिए थे। तब 21 दिनों तक वह इस जगह पर कब्जा जमाए रहा था। कई दौर की फ्लैग मीटिंग के बाद ही यह विवाद खत्म हुआ था। उधमपुर स्थित सेना के प्रवक्ता कर्नल एसडी गोस्वामी ने चीनी घुसपैठ से पूरी तरह इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच इस इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा की साझा निशानदेही अब तक नहीं हो सकी है। इसलिए दोनों पक्ष उस इलाके तक गश्त लगाते हैं, जहां तक के इलाके को वे अपना मानते हैं। ऐसे में कई बार मानी गई नियंत्रण रेखा का उल्लंघन होता रहता है।