अमेठी-रायबरेली में परियोजनाओं के बंद होने का मामला संसद में गूंजा
कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली में परियोजनाओं के बंद होने का मुद्दा राज्यसभा में जोरशोर से उठाया।
By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Fri, 05 Aug 2016 05:22 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है, जिससे संसद भी अछूती नहीं है। कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली में परियोजनाओं के बंद होने का मुद्दा राज्यसभा में जोरशोर से उठाया।
कांग्रेस ने इसे बदले की कार्रवाई करार देते हुए सरकार पर आरोप भी लगाये। लेकिन सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अमेठी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है। इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से कांग्रेस के प्रत्याशियों को विजयी बनाने के लिए केंद्र सरकार यहां के लोगों को सबक सिखाने के लिए ऐसा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बदला लेने के अंदाज में अमेठी में स्थापित राजीव गांधी सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान को बंद कर दिया गया है। यहां पढ़ रहे 148 छात्रों को कहीं और स्थानांतरित कर दिया गया है। 40 छात्राओं को पहले ही जबरन हटाया जा चुका है। बीते दो सालों के दौरान फूड पार्क और हिंदुस्तान पेपर मिल को बंद कर दिया गया है। यहां के किसानों के डिस्कवरी पार्क को भी बंद कर दिया गया। तिवारी ने हैरानी जताते हुए कहा कि सरकार एक सतत प्रक्रिया का नाम होता है। लेकिन यह राजनीति का बेहद क्रूर पक्ष है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्रों में चलाई जा रही परियोजनाओं को बंद किया जा रहा है। सरकार का यह कार्य वहां के लोगों से बदला लेने जैसा है। तिवारी की इन बातों का कांग्रेस सदस्य राजीव शुक्ल और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी समर्थन किया। आजाद ने सरकार से पूछा कि आखिर कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन क्षेत्र की केंद्रीय परियोजनाएं बंद क्यों की जा रही हैं?प्रमुख विपक्ष दल के इन आरोपों को वेंकैया नायडू ने खारिज करते हुए कहा कि सरकार के मन में बदले की कोई भावना नहीं है। हालांकि परियोजनाओं के बारे में संबंधित मंत्रियों से बातचीत करेंगे। बदले की भावना जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि किसी से बदले का कोई सवाल ही नहीं है।