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कोयले की आंच कुमार मंगलम तक

कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले में देश के प्रमुख उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ भी सीबीआइ का शिकंजा कस गया है। घोटाले की 14वीं एफआइआर में जांच एजेंसी ने आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम के साथ-साथ पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख को भी आरोपी बनाया है।

By Edited By: Updated: Wed, 16 Oct 2013 06:07 AM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले में देश के प्रमुख उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ भी सीबीआइ का शिकंजा कस गया है। घोटाले की 14वीं एफआइआर में जांच एजेंसी ने आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम के साथ-साथ पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख को भी आरोपी बनाया है। पारेख और बिड़ला पर आपराधिक साजिश कर 2005 में हिंडाल्को के लिए कोयला ब्लाक का आवंटन करने का आरोप है। एफआइआर के बाद सीबीआइ ने बिड़ला, हिंडाल्को और पारेख के छह ठिकानों पर छापा भी मारा। सूत्रों ने बताया कि बिड़ला और पारेख को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। एफआइआर में बिड़ला का नाम आदित्य बिड़ला समूह के प्रतिनिधि के तौर पर दर्ज है। जबकि हिंडाल्को इसी समूह की एक कंपनी है।

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सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार ओडिशा के तालाबीरा-एक और तालाबीरा-दो कोयला ब्लाक तमिलनाडु स्थित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम निवेली लिगनाइट के लिए आरक्षित रखे गए थे। स्क्रीनिंग कमेटी की 25वीं बैठक में भी इस पर मुहर लगा दी गई। इसके बाद कुमार मंगलम बिड़ला और तत्कालीन कोयला सचिव पीसी पारेख की दिल्ली में मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद पारेख ने स्क्रीनिंग कमेटी के फैसले को बदलते हुए तालाबीरा-एक और तालाबीरा-दो कोयला ब्लाकों में निवेली लिगनाइट के हिस्से में से आधा हिंडाल्को को आवंटित कर दिया।

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सीबीआइ का दावा है कि उसके पास पीसी पारेख और बिड़ला की इस मुलाकात के सुबूत हैं। हालांकि, सीबीआइ अभी यह साफ नहीं कर पा रही है कि पारेख ने कोयला सचिव रहने के नाते अकेले स्क्रीनिंग कमेटी के फैसले को पलट दिया या इसके लिए उन्हें कहीं से निर्देश मिले थे। इस संबंध में पूछ जाने पर सीबीआइ प्रवक्ता कंचन प्रसाद ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है।

एफआइआर के बाद मंगलवार को सीबीआइ ने मुंबई, दिल्ली और भुवनेश्वर स्थित बिड़ला और हिंडाल्को के ठिकानों पर दबिश दी। साथ ही सिकंदराबाद स्थित पारेख के घर भी तलाशी ली। जांच एजेंसी ने छापे में घोटाले से संबंधित अहम दस्तावेज बरामद होने का दावा किया है। वैसे हिंडाल्को ने इस मामले पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है।

उसके अनुसार कोयला आवंटन में गड़बड़ियों को लेकर कई कंपनियों के खिलाफ जांच चल रही है। उनमें हिंडाल्को भी एक है। लेकिन कंपनी का दावा है कि कोयला आवंटन के लिए उसने सारे नियमों का पालन किया है।

सीबीआइ की कार्रवाई का प्रभाव हिंडाल्को के साथ-साथ समूह की दूसरी कंपनियों के शेयरों पर भी देखने को मिला। हिंडाल्को, आदित्य बिड़ला केमिकल्स, आदित्य बिड़ला नुवो और आइडिया सेलुलर के शेयरों में एक से दो प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। हिंडाल्को के शेयर तो करीब पांच फीसद तक गिरे लेकिन बाजार बंद होने तक इसके शेयरों में डेढ़ फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। जिंदल ग्रुप के प्रमुख नवीन जिंदल के बाद कुमार मंगलम बिड़ला दूसरे बड़े उद्योगपति हैं, जिन्हें कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले में आरोपी बनाया गया है। एफआइआर में हिंडाल्को और कोयला मंत्रालय के कुछ अज्ञात अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है।

छठवें सबसे अमीर उद्यमीकोयला घोटाले की जांच के क्रम में सीबीआइ के निशाने पर आए कुमार मंगलम बिड़ला देश के शीर्ष दस अमीर लोगों की सूची में शुमार हैं। फो‌र्ब्स की अमीर भारतीयों की इस साल की सूची के हिसाब से वह देश के छठवें संपन्न और सबसे युवा उद्यमी हैं। आदित्य बिरला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम की दो दर्जन से अधिक कंपनियों में से पांच शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं। इनसे उन्हें सालाना वेतन के रूप में 49.62 करोड़ मिलते हैं।

ज्यादा वेतन पाने वाले उद्यमियों में वह चौथे पायदान पर हैं। 46 वर्षीय कुमार मंगलम अपने पिता के निधन के बाद 28 साल की उम्र में समूह के चेयरमैन बन गए थे। उनकी कुल संपत्ति करीब 490 अरब रुपये है।

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