बंद नहीं हो सकते कोयला घोटाले के कई मामले
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कोयला घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की पैनी नजर है। जांच एजेंसी से मंगाकर आयोग ने 1993-2011 की अवधि में 195 कोल ब्लॉकों के आवंटन संबंधी दस्तावेजों का गहराई से परीक्षण शुरू कर दिया है। सीवीसी ने आवंटन घोटाले के 25 मामलों में दर्ज प्रा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कोयला घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की पैनी नजर है। जांच एजेंसी से मंगाकर आयोग ने 1993-2011 की अवधि में 195 कोल ब्लॉकों के आवंटन संबंधी दस्तावेजों का गहराई से परीक्षण शुरू कर दिया है। सीवीसी ने आवंटन घोटाले के 25 मामलों में दर्ज प्रारंभिक जांच (पीई) बंद करने के सीबीआइ के आग्रह पर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। आयोग ने कहा है कि इनमें से ज्यादातर मामलों में जांच नहीं बंद हो सकती है। जांच एजेंसी ने घोटाले से जुड़े कई मामलों में दर्ज पीई बंद करने के लिए शीर्ष न्यायालय के समक्ष क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है।
सुप्रीम कोर्ट ने 28 मार्च को सीवीसी को निर्देश दिया था कि वह कोयला खदान आवंटन घोटाले से जुड़े मामलों का गहराई से अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट दे। शीर्ष अदालत ने कई मामलों में पीई बंद करने संबंधी सीबीआइ के क्लोजर रिपोर्ट पर भी आयोग से अपनी राय देने के लिए कहा था। शीर्ष अदालत ने सीवीसी से पूछा था कि क्या मामले बंद किए जा सकते हैं या सीबीआइ को इनमें आरोप पत्र दायर करने का निर्देश दिया जाए। इस पर आयोग ने 30 अप्रैल को 17 और 9 मई को 8 मामलों में पीई बंद करने के आग्रह पर अपनी राय से सुप्रीम कोर्ट को अवगत करा दिया। सूत्रों के अनुसार, 'सीवीसी ने ज्यादातर मामलों में पीई बंद करने का विरोध किया है। उसने सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट पर भी सवालिया निशान लगाया है।' जांच एजेंसी में पीई बंद करने को लेकर क्लोजर रिपोर्ट पर आम राय कायम नहीं होने के बाद शीर्ष न्यायालय ने सीवीसी से अपनी राय देने के लिए कहा था। इससे पूर्व खबर थी कि कोयला घोटाले में प्रारंभिक जांच के 20 मामलों को बंद करने की सीबीआइ की सिफारिश पर सीवीसी मुहर लगा सकता है। कोयला घोटाले में जांच एजेंसी अब तक 20 एफआइआर दर्ज कर चुकी है।