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फिर घुसपैठ की कोशिश, जवान शहीद व दो घायल

जम्मू [जागरण ब्यूरो]। पाकिस्तान ने सीमा पर फिर बड़ी हिमाकत की है। जम्मू की अखनूर तहसील के प्लांवाला सेक्टर में मंगलवार सुबह पाकिस्तानी गोलीबारी के बीच आतंकियों के दल ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसे सेना ने नाकाम बना दिया। इस दौरान सेना का एक जवान शहीद और दो अन्य घायल भी हो गए। इस घटना के बाद सीमा पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। पाकिस्तान पिछले सात दिनों से लगातार सीमा पर गोलीबारी कर रहा है।

By Edited By: Updated: Tue, 22 Jul 2014 09:12 PM (IST)
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जम्मू [जागरण ब्यूरो]। पाकिस्तान ने सीमा पर फिर बड़ी हिमाकत की है। जम्मू की अखनूर तहसील के प्लांवाला सेक्टर में मंगलवार सुबह पाकिस्तानी गोलीबारी के बीच आतंकियों के दल ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसे सेना ने नाकाम बना दिया। इस दौरान सेना का एक जवान शहीद और दो अन्य घायल भी हो गए। इस घटना के बाद सीमा पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। पाकिस्तान पिछले सात दिनों से लगातार सीमा पर गोलीबारी कर रहा है।

जम्मू में पिछले छह दिनों के दौरान घुसपैठ की यह दूसरी बड़ी कोशिश है। इससे पूर्व 17 जुलाई को अरनिया में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब आधा दर्जन आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। इस दौरान सीमा पार से ग्रामीण क्षेत्रों में भारी गोलीबारी भी की गई थी। मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे बारिश के बीच भारत की चकला पोस्ट के पास करीब चार आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की। सीमा पर सतर्क जवानों ने आतंकियों को आते देख लिया। इससे पहले कि जवान कोई कार्रवाई करते सीमा पार से पाकिस्तान की बडयाला पोस्ट से पाकिस्तान सेना ने आतंकियों को कवर फायर देते हुए भारी गोलीबारी शुरू कर दी। सेना की तीन नागा रेजीमेंट ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी साजिश को नाकाम कर दिया और आतंकी वापस भाग गए। जम्मू के पीआरओ डिफेंस कर्नल मनीष मेहता ने बताया कि गोलीबारी में हमारा एक नायक मोंगचन बी निवासी नागालैंड शहीद हो गया और दो अन्य जवान घायल हुए हैं। उन्हें सैन्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी करीब एक घंटे तक जारी रही।

पाक गोलीबारी पर सदन में 'सियासी फाय¨रग'

गाजा पट्टी पर बहस खत्म हुई तो अब सीमा पर पाकिस्तानी घुसपैठ को लेकर मंगलवार को सरकार और विपक्ष राज्यसभा में भिड़ गए। सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस ने सीमा पर पाकिस्तानी गोलाबारी को लेकर राजग सरकार को घेरने की कोशिश की। हालांकि इस सियासी वार का उसी तर्ज में जवाब देते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राजग सरकार ने 2004 में सत्ता छोड़ी तो तो पाकिस्तान के सीमा पर गोलीबारी का आंकड़ा एक था। वहीं, संप्रग राज के आखिरी साल 2013 में 347 बार पाकिस्तान ने सीमा पर शांति तोड़ गोलीबारी की।

भाजपा के चुनाव अभियान में पाकिस्तान को सबक सिखाने के सियासी नारों को लेकर सदन में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद की ओर से आए तंज पर रक्षा मंत्री जेटली ने उसी अंदाज में जवाब दिया। जेटली ने कहा कि अव्वल तो सरकार में आंकड़े सियासी रंगत के साथ नहीं रखे जाते। लेकिन नेता विपक्ष की ओर से सवाल आया है तो मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि 2004 में जब राजग ने संप्रग को सत्ता सौंपी तो सीमा पर शांति विराम उल्लंघन की एक घटना दर्ज की गई। वहीं 2013 में सीमा पर 347 बार शांति विराम समझौते का उल्लंघन हुआ। जेटली ने कहा कि पाकिस्तान इस साल 17 जुलाई तक 47 बार शांति समझौता तोड़ चुका है। रक्षा मंत्री ने माना कि 27 मई को नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान अभी तक 19 बार सीमा पर शांति समझौते का उल्लंघन कर चुका है। विपक्ष के सियासी कटाक्ष का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि सीमा पर गोलीबारी का अनुपातिक और माकूल जवाब दिया जाता है। साथ ही स्थापित व्यवस्था के मुताबिक ऐसे मामलों को पाकिस्तान के साथ भी उठाया जाता है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ओर से भारत के साथ दोस्ती बढ़ाने के वादों और प्रयासों के बावजूद सीमा पर पड़ोसी देश की गोलीबारी का सिलसिला जारी है।

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