नालंदा विवि की निगरानी को मोंटेक की अगुवाई में समिति
नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के ढांचागत विकास और सुविधाओं पर निगरानी के लिए सरकार ने योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की अध्यक्षता में राष्ट्रीय निगरानी समिति का गठन किया है। इस विश्वविद्यालय के एक्ट में संशोधन के सुझाव के लिए भी एक कमेटी बनाई गई है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के ढांचागत विकास और सुविधाओं पर निगरानी के लिए सरकार ने योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की अध्यक्षता में राष्ट्रीय निगरानी समिति का गठन किया है। इस विश्वविद्यालय के एक्ट में संशोधन के सुझाव के लिए भी एक कमेटी बनाई गई है।
बिहार के नालंदा जिले में जिस जगह पर प्राचीन काल में विख्यात विश्वविद्यालय हुआ करता था, उसी जगह पर फिर से अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही है। राष्ट्रीय निगरानी समिति में अहलूवालिया के अतिरिक्त दस सदस्य होंगे। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार [पीएमओ] सदस्य [मानव संसाधन] योजना आयोग, सदस्य [अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था], विदेश सचिव, सचिव मानव संसाधन विकास मंत्रालय, सचिव [व्यय] वित्त मंत्रालय, कुलपति नालंदा विश्वविद्यालय, नालंदा विश्वविद्यालय निदेशक मंडल से नामित व्यक्ति, डॉ. अरोमेर रवि निदेशक, भारतीय इतिहास अध्ययन संस्थान और सलाहकार [उच्च शिक्षा] योजना आयोग, सदस्य होंगे। यह समिति नालंदा में विश्व स्तर का विश्वविद्यालय बनाने के लिए ढांचागत संसाधन तैयार करने और क्षेत्रीय, स्थानीय विकास तथा संस्थागत व्यवस्था के उपायों पर विचार करके अपनी सिफारिश देगी।
नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के एक्ट में संशोधन के लिए पश्चिम बंगाल नेशनल यूनीवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. एनआर माधव मेनन की अध्यक्षता में दस सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। आआइएम बेंगलूर के निदेशक प्रो. पंकज चंद्रा, नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. गोपा सबरवाल और लेडी श्रीराम कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. मीनाक्षी गोपीनाथ भी इसकी सदस्य बनाई गई हैं।
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