गुरुद्वारे और कब्रिस्तान की जमीन को लेकर चल रहे विवाद से भड़की चिंगारी ने पूरे सहारनपुर शहर को सांप्रदायिक दंगे की चपेट में ले लिया। गुरुद्वारे में लिंटर डाले जाने को लेकर मामूली कहासुनी देखते ही देखते पथराव, आगजनी और फायरिंग में बदल गई। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी है। हिंसा में एक सिपाही समेत पांच लोगों के मारे जाने की सूचना है और सैकड़ों लोग घायल हैं।
By Edited By: Updated: Sat, 26 Jul 2014 10:06 PM (IST)
सहारनपुर [जागरण संवाददाता]। गुरुद्वारे और कब्रिस्तान की जमीन को लेकर चल रहे विवाद से भड़की चिंगारी ने पूरे सहारनपुर शहर को सांप्रदायिक दंगे की चपेट में ले लिया। गुरुद्वारे में लिंटर डाले जाने को लेकर मामूली कहासुनी देखते ही देखते पथराव, आगजनी और फायरिंग में बदल गई। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी है। हिंसा में एक सिपाही समेत पांच लोगों के मारे जाने की सूचना है और सैकड़ों लोग घायल हैं। घायलों में नगर मजिस्ट्रेट कुंज बिहारी समेत कई पुलिसकर्मी भी हैं। सात लोग लापता हैं। प्रशासन अभी सिर्फ तीन मौत की पुष्टि कर रहा है। दंगा नियंत्रण के लिए रुड़की कैंट से सेना को बुलाने पर विचार किया गया,लेकिन बाद में प्रशासन ने कदम पीछे खींच लिए। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं।
सहारनपुर के कुतुबशेर इलाके में अंबाला रोड पर गुरुद्वारा और कब्रिस्तान आमने-सामने हैं। गुरुद्वारे और कब्रिस्तान में जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा है। इस विवादित जमीन पर हाल ही में हाईकोर्ट का फैसला भी आया है। इसके बाद दूसरे पक्ष ने शुक्रवार रात गुरुद्वारे में निर्माण कार्य शुरू करा दिया। शनिवार सुबह गुरुद्वारे में लिंटर डाले जाने का संप्रदाय विशेष के कुछ लोगों ने विरोध किया और थाने के सामने सड़क जाम कर धरना देने लगे।
छिटपुट कहासुनी और धरना एकाएक नौ बजे के आसपास पथराव और आगजनी में बदल गया और देखते-ही-देखते अंबाला रोड की सैकड़ों दुकानें लूट के बाद आग के हवाले कर दी गईं। दोनों पक्षों की तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। पुलिस पर छतों से फायरिंग की गई, जिसमें सेंसरपाल नाम के एक सिपाही की मौत की खबर है। हालांकि प्रशासन उसके देहरादून के जौली ग्रांट में भर्ती होने का दावा कर रहा है। हिंसा की खबर आग की तरह फैली और शहर के दूसरे इलाकों में भी पथराव, फायरिंग और आगजनी शुरू हो गई। आनन-फानन में स्कूल और बाजार बंद होने लगे। दंगाइयों ने सहारनपुर फायर स्टेशन को आग के हवाले कर दिया, कुतुबशेर थाने और धोबीघाट पुलिस चौकी में जमकर तोड़फोड़ हुई। अंबाला रोड, गुरुद्वारा रोड, रायवाला, नेहरू रोड, कोर्ट रोड, नुमायश कैंप, मिशन कंपाउंड आदि स्थानों पर दुकानों में आग लगा दी गई। जिसमें करोड़ों के नुकसान का अनुमान है। आगजनी काबू करने के लिए सरसावा एयरफोर्स स्टेशन के दमकल को मदद के लिए बुलाया गया। बाद में उत्तराखंड और शामली से भी दमकल गाड़ियां बुलानी पड़ीं।
पुलिस-प्रशासन ने पहले कुतुबशेर, मंडी और नगर कोतवाली थानों में कर्फ्यू घोषित कर हालात काबू में करने के प्रयास किए, लेकिन पूरे शहर में आगजनी और पथराव के सिलसिले के चलते दस मिनट के भीतर शहर के सभी छह थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया। शहर का सबसे पॉश बाजार कोर्ट रोड भी हिंसा की चपेट में आ गया और पार्श्वनाथ प्लाजा में दो दुकानों को फूंक दिया गया। डीएम, एसएसपी और आइजी ने शहर में मार्च किया और दूसरे जिलों से फोर्स तलब किया गया। कर्फ्यू के बाद मुख्य मार्गो पर ही हालात नियंत्रण में दिखे। प्रशासन के लिए सबसे बड़ी परेशानी मोहल्ले की गलियों में हो रही आगजनी पर काबू करना हो रही थी। सूचना के अनुसार हिंसा में पांच लोगों की जान गई है। हालांकि प्रशासन हरीश कोछड़, आरिफ और एक अज्ञात की मौत की ही पुष्टि कर रहा है। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार एक व्यक्ति जैन नगर में मरा है। चिलकाना रोड पर एक किशोर की भी पहचान नहीं हो सकी है। हिंसा में घायल आरिफ ने मेरठ मेडिकल कालेज में दम तोड़ा। घायलों को जौली ग्रांट अस्पताल और मेरठ मेडिकल कालेज भेजा जा रहा है।
एक मुकदमा,12 गिरफ्तार : प्रशासन सांय छह बजे पुलिस लाइन में डीएम संध्या तिवारी और एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने दंगे में तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। जबकि एक सिपाही को गंभीर हालत में देहरादून के जौली ग्रांट में रेफर किया गया है। उन्होंने ने बताया कि फिलहाल इस मामले में एक एफआइआर दर्ज हुई है और एक दर्जन उपद्रवी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। एसएसपी ने बताया कि इनमें दो कंपनी आरएएफ, दो आइटीबीपी, दो एसएसबी, एक सीआरपीएफ, चार पीएसी की कपंनियां शामिल हैं। कर्फ्यू में ढील के सवाल पर डीएम ने कहा कि इस पर तत्काल विचार नहीं किया जा रहा है।
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